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12 जनवरी 2011

भावनाओं को नहीं मिल पाए 'शब्द'

70 टिप्‍पणियां:

जब भी किसी व्यक्ति की जिन्दगी में कोई ख़ुशी का समय आता है तो वो अपनी भावनाओं को शब्द नहीं दे पाता है .और ऐसा अक्सर तब होता है जब व्यक्ति को कोई मन वांछित फल मिल जाये . ब्लॉग की दुनिया भी ऐसी ही है .जहाँ पर लेखन के साथ -साथ टिप्पणियों  का बहुत महत्व है . क्योंकि सार्थक लेखन के लिए टिप्पणियाँ बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं . और अगर मुझ जैसे ब्लॉगर को किसी पोस्ट पर सौ से अधिक टिप्पणियाँ  मिल जाएँ तो इससे बड़ी ख़ुशी  की बात क्या हो सकती है . आप सबका धन्यवाद करना मेरे बस की बात नहीं है ...बस यही प्रार्थना करूँगा कि आप अपना प्रोत्साहन और प्यार इस नाचीज पर अनवरत रूप से बनाये रखना . मैं आजीवन  ऋणी हूँ आप सबका कि आपने मुझे इस काबिल समझा .मेरी पोस्ट " मैं  कैसे कहूँ कि तू ठहर  जा " पर आपके द्वारा कि गयी सौ से अधिक टिप्पणियाँ आपके प्यार और प्रोत्साहन का परिणाम हैं ..इसलिए वर्ष 2011 की पहली पोस्ट आप सबको समर्पित है ..आपके आशीर्वचनों के साथ ... पोस्ट लम्बी ना  हो जाये इसलिए सभी के लिंक देने के साथ - कुछ प्यारी सी पंक्तियों  का जिक्र भी करूँगा : आपके प्यार और स्नेह का परिणाम है यह पोस्ट : अब सिलसिला शुरू करते हैं :-

संजय भास्कर जी: इस रचना में एक छुपा हुआ सन्देश है जिसे आपने उजागर कर दिया,बहुत धैर्य बंधाने वाला और आश्वस्त करने वाला सार्थक सन्देश समेटे एक भावपूर्ण रचना बहुत ही जबरदस्त लिखा है. आपकी अब तक की सभी पोस्टो में से...सबसे बेस्ट पोस्ट लगी है सुंदर लेखन के लिए बहुत-बहुत बधाईहरकीरत ' हीर' जी : सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि इस वर्ष मेरा " ब्लॉग जगत" में प्रवेश हुआ वो भी एक घटना थी...और बहुत महत्वपूर्ण घटना...यहाँ पर आकर मैं धन्य हो गया...इस नाचीज को बहुत सम्मान और स्नेह मिला है...इसलिए आपको 2010 की बधाई ...!! राजेन्द्र स्वर्णकार जी अलविदा 2010 आलेख आपने इतनी लगन और मेहनत से तैयार किया है..तारीफ़ के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं । बधाई और साधुवाद !   देवेन्द्र पाण्डेय जी  : काफी मेहनत की है आपने इस पोस्ट को तैयार करने में। दिल से नववर्ष मनाने...विदा करने व स्वागत करने का आपका अंदाज मनोहारी है। POOJA...जी : वाह जी वाह... इतनी खूबसूरत और प्यारी शुभकामनाएं...आपका अंदाज़ वाकई बहुत निराला है..पर शुभकामनाओं की सूची में खुद को नहीं पाया... :(पर फ़िर ब्लोगर्स के लिए शुभकामनाएं देख तसल्ली हुई...शुक्रिया...and same goes for you too... डॉ॰ मोनिका शर्मा   : मेरी शुभकामना समाज के हर उस व्यक्ति को है जो हमारे समाज और देश में फैली अव्यवस्था को व्यवस्थित करने में ...और की सामाजिक कुरीतिओं को मिटाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।समय के हर रंग को समेटे एक उम्दा सन्देश देती प्रस्तुति. प्रवीण पाण्डेय जी : समय की गति को न ठहरायें, उसे बस बढ़ जाने दें। नरेश सिह राठौड़ जी   : समय बढ़ता हुआ अच्छा लगता है | रूका हुआ तो पानी भी बदबूदार हो जाता है | इस लिए समय मजे से बीते वो ही श्रेष्ठ है | एस. एम्. मासूम जी : बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में आपने नए वर्ष का स्वागत किया है मेरी भी शुभकामनाएं और मैं भी पूरे विश्व में शन्ति और सद्भाव की कामना करता हूँ ...इंसानियत और भी बढे, हम एक दुसरे के करीब आ पायें .जय कुमार झा जी  : बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति..नये साल में हम सबको तथा हमारे बच्चों को ईमानदारी तथा सद्कर्म से जीने के लिए मूलभूत आवश्यकता की वस्तु सहज उपलब्ध हो यही मेरी कामना है...पूनम जी bahut khoob, aapne bahut hi achhe tareeke se jaane wale waqt ko vida किया, aur aane wale ka hardik swagat bade anuthe dhang se kiya. sahi mayne me aapne waqt ki pahchan karai hai. Bah  shandar avam sashkt prastuti. Minakshi Pant जी  बिता हुआ समय हमे बहुत सी यादे दे कर जाता है और आने वाला समय कुछ  अच्छा करते रहने को प्रेरित करता है आपने दोनों को सम्मान दिया जाते साल को प्यार से अलविदा और आने वाले का स्वागत ! बहुत खुबसूरत पोस्ट.Rajiv जी    बेहद सराहनीय लेख है.सन्देश उससे भी अच्छा है.बादलों की छांव तले खड़ा और सूरज की रौशनी में नहाया हुआ बर्फ से आच्छादित पहाड़ की तस्वीरें भी शायद पूर्व वर्ष की विदाई और नववर्ष के आगमन की ओर ही इशारा कर रहे हैं. ललित शर्मा जी: नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं संध्या जी: सुन्दर रचना Leejiye century bhi poori kar dete hain... Nice writing ..Keep it up... God Bless u ...आपकी शुभकामनाओं का यह सिलसिला अनवरत रूप से जारी है ..अब आगे बढ़ते हैं : -

अरविन्द जांगिड जी @'उदय' जी@ Kunwar Kusumesh जी सतीश सक्सेना जी नीरज जाट जी संगीता स्वरुप जी (गीत ) @ P S Bhakuni जीवन्दना जी@ yogendra जी  @ उपेन्द्र ' उपेन ' जी   @ सोमेश सक्सेना जी @   सुरेन्द्र सिंह     अरूण साथी जी सुशील बाकलीवाल जी सुबीर रावत जी शिक्षामित्र @ मनोज कुमार जी @ राज भाटिय़ा जी @शमीम @ विरेन्द्र सिंह चौहान @ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी @ डॉ टी एस दराल जी  @  वन्दना अवस्थी दुबे जी सुज्ञ जी @ रोशनी जी @ सुशीला पुरी जी  अल्पना वर्मा जी आशीष @ अरुण चन्द्र रॉय जी @ निर्मला कपिला जी   @ जयकृष्ण राय तुषार जी  फ़िरदौस ख़ान जी दिगम्बर नासवा जी  @  शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' जी रचना दीक्षित जी   @ ZEAL (दिव्या जी) @ Meenu Khare जी  @ विजय प्रताप सिंह राजपूत Er. सत्यम शिवम जी vedvyathit जी Dr. Ashok palmist जी  @  Asha जी @ Mithilesh dubey जी @ रश्मि प्रभा जी Dr Varsha Singh   @ ashish जी @ प्रेम सरोवर जी @ Rahul Singh जी  @ Apanatva जी   @  Vijai माथुर जी  @   boletobindas @ Sawai Singh Rajpurohit @ amit-nivedita  @ Bhushan  @ deepak saini   @ Dorothy  Patali-The-Village  @ Amrita Tanmay  @ mahendra verma  @ RAJEEV KUMAR KULSHRESTHA    @ Kailash C Sharma  @ Harsh  @ Indranil Bhattacharjee   @ स्वाति जीkshama  @ डॉ० डंडा लखनवी जी   arganikbhagyoday   प्रकाश बादल जी  @  manav vikash vigyan aur adytam  मनोज भारती जी  @  ज़ाकिर अली रजनीशजी @ Harman @ Bajang   @ Priti Krishna @ Mukesh Kumar Sinha. 

आपका सहयोग और प्यार ना  मिलता तो आगे बढ़ पाना मुश्किल था ...आपको सम्मान स्वरूप और क्या किया जा सकता था ..आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा ...सभी लिनक्स देने का प्रयास किया है ..फिर भी अगर कोई छुट गया हो तो अवश्य अवगत करवाने की कृपा करें ...आप सबका धन्यवाद ..उत्साहवर्धन के लिए .

31 दिसंबर 2010

मैं कैसे कहूँ कि तू ठहर जा

112 टिप्‍पणियां:

अलविदा 2010 : समय मैं क्या कहूँ तेरे बारे में तू आता है और चला जाता है , या यूँ कहूँ तू अनवरत गाति से चलता रहता है और मेरी सांसों का सफ़र भी तेरे साथ लगातार चलता रहता है । पर अब तुझे जाना ही है तो मेरा कोई वश नहीं कि मैं तुझे कहूँ की तू ठहर जा और मैं कहूँगा भी नहीं ....बस जाते -जाते मुझे तेरे द्वारा किये गए उपकार याद आ रहे हैं । 365 1 /4 दिन के इस सफ़र में मैंने तेरे साथ 8,766 घंटे  और 5,25,960 मिनट 3,15,57,600 सेकण्ड बिताये । हम दोनों का साथ न जाने कितने वर्षों से इसी तरह है । आप इतने समय के लिए आते हो और चले जाते हो... मैं तुम्हारे जाने के बाद सोचता हूँ कि मैंने क्या किया तुम्हारे साथ रहकर : पर 2010 तुम मेरे लिए सबसे ख़ास रहे । जिन्दगी का सफ़र ...सफ़र में ही बीत गया । बहुत जगह जाना हुआ इस वर्ष भी .. बहुत सारे लोगों से मिलना हुआ । कल भी मैं सोच रहा था, पर सच कहूँ तो सिर्फ एक घटना ही ऐसी रही जिसने बहुत समय तक मुझे परेशान किया ...परन्तु अब छोड़ो ..सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि इस वर्ष मेरा " ब्लॉग जगत" में प्रवेश हुआ वो भी एक घटना थी ...और बहुत महत्वपूर्ण घटना ...यहाँ पर आकर मैं धन्य हो गया...इस नाचीज को बहुत सम्मान और स्नेह मिला है यहाँ ..रह - रह कर आपको याद करता हूँ, और यह याद अमिट बनी रहेगी, ऐसा मेरा वादा है ..जिन्दगी के इतिहास में आपका स्थान हमेशा रहेगा ...और अब मैं आपसे इजाजत चाहता हूँ ...जाते -जाते यह भी बता दूँ आपने मुझे हमेशा नसीहत दी है कि :-
जिन्दगी अनमोल है , इसे संभाल कर रखना
सांसों के सफर में , खुद के साथ, ओरों का भी ख्याल रखना ।
31 दिसम्बर रात्रि 11 : 59 :59 पर आप मेरे से सदा के लिए विदा हो जाओगे ...पर जुदा कभी भी नहीं ....शुक्रिया
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अब हम तुझे नव वर्ष 2011 के नाम से पुकारेंगे और "तेरे आने की जब खबर महके ..तेरी खुशबू से सारा घर चहके " और अगर घर में ख़ुशी का वातावरण है तो मैं सभी को शुभकामनायें देना चाहूँगा, कि आने वाले वर्ष में हर किसी के घर में खुशियों कि बरसात हो ...मैं पूरे विश्व में शन्ति और सद्भाव की कामना करता हूँ ...इंसानियत और भी बढे, हम एक दुसरे के करीब आ पायें ..मानवता भरा जीवन जी पायें ..किसी गिरते हुए को उठा पायें ..और हर संभव कोशिश रहे कि हम पूरी संवेदनशीलता से जीवन के इस सफ़र को तय कर पायें ...
मेरी और से शुभकामनायें :-
  • मेरी शुभकामना विश्व के हर उस व्यक्ति को है जो मानवीय मूल्यों पर आधारित जीवन जीते हुए हमेशा मानवता के लिए समर्पित है ।
  • देश के वो सेना नायक (जल ,थल,वायु ) जो सियाचिन जैसे न जाने कितने दुर्गम इलाकों में रहकर भारत माता की सीमाओं की दिन- रात रक्षा करते हैं .. उनके इस समर्पण भाव से ही आज हम सुरक्षित हैं ,हम चैन की नींद सो पाते हैं ...ऐसे नायकों को और उनके परिवारों को मेरी हार्दिक शुभकामनायें ।
  • अब ध्यान जाता है एक ऐसे बालक की तरफ जो तन पर कपडा न होते हुए भी कडकती ठण्ड में रेहड़ी पर पूरे कर्तव्य भाव से मूंगफली बेच रहा है ....ऐसे न जाने कितने पेशे हैं जहाँ पर ऐसे बालक काम करते हैं ..उन सबको मेरी हार्दिक शुभकामनायें ।
  • मेरी हार्दिक शुभकामना एक ऐसी बहन, भाई को भी है जो अपने जीवन में आभाव होते हुए भी अपने कर्तव्य के प्रति पूरी निष्ठा से समर्पित हैं ।
  • मेरी शुभकामना समाज के हर उस व्यक्ति को है जो हमारे समाज और देश में फैली अव्यवस्था को व्यवस्थित करने में ...और की सामाजिक कुरीतिओं को मिटाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
सूची तो बहुत लम्बी है अब एक पंक्ति में कहना चाहूँगा ....पूरे विश्व के लोगों को मेरी तरफ से नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें .........!
और .................................विशिष्ट ....
"ब्लॉग जगत के तमाम ब्लॉगर साथियों को मेरी तरफ से नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें , आपका स्नेह और प्यार इसी तरह बरकरार रहे ...आपने जिस तरह से इस नाचीज पर अपनी इनायत भरी निगाह रखी है ..उसे यूँ ही बरकरार रखना ......मुझे अभी बहुत कुछ करना है ...आपके आशीर्वादों से ..........!
और अब मैं तैयार हूँ 2011 का हार्दिक स्वागत करने के लिए ....और 2010 को अलविदा कहने के लिए :-

      नव वर्ष 2011 की हार्दिक
      शुभकामनाओं के साथ
        .......आपका अपना......
       .......केवल राम ...!