तमन्ना ही रही कि उनका पार पाया
होता
जो था पलकों के करीब, उसका सार पाया होता ।
जो था पलकों के करीब, उसका सार पाया होता ।
सागर है तो शांत है, ना कोई किनारा
होगा
बनकर हंस मोती चुनने का किरदार निभाया होता ।
बनकर हंस मोती चुनने का किरदार निभाया होता ।
आज चेहरों पर चेहरे लगाये फिरते हैं
लोग
जिस्म का नहीं, आत्मा का श्रंगार पाया होता ।
जिस्म का नहीं, आत्मा का श्रंगार पाया होता ।
जो भी मिला सबसे है गम देने का गिला
अपना उसे बनाकर, एक मददगार पाया होता ।
अपना उसे बनाकर, एक मददगार पाया होता ।
जामा इंसानी मिला, पर गुण कितने हैं
इसमें
देखकर ज्ञान का आईना, कुछ पारावार पाया होता ।
देखकर ज्ञान का आईना, कुछ पारावार पाया होता ।
मिटाने पर तो मिट जाते हैं,
निशां - ए - खूं
उसे समर्पित होकर एक नया संसार पाया होता ।
उसे समर्पित होकर एक नया संसार पाया होता ।
केवल जीने
का नाम नहीं है जिन्दगी
मिटाकर हस्ती को गुल-ए-गुलजार पाया होता ।
मिटाकर हस्ती को गुल-ए-गुलजार पाया होता ।