भारतीय जन जीवन को जब
देखते हैं तो यहाँ पर
शुभकामनाओं की बड़ी महता नजर आती है। सोने से लेकर जागने
तक, शाम से सुबह तक, मृत्यु
से जीवन तक, जड़ से चेतन तक, युद्ध
से शांति तक, हार से जीत तक, प्रकृति से परमात्मा तक। शुभकामनाओं का यह सिलसिला अनवरत रूप से चलता रहता
है, और इसके अनेक पक्ष हैं। हमारे जीवन का कोई भी ऐसा पक्ष नहीं जहाँ हम
शुभकामनाओं की अपेक्षा नहीं करते या हम शुभकामना देने को आतुर नहीं होते। घर से
किसी काम को निकलते वक़्त अगर कोई बुजुर्ग या उम्र में बड़ा सामने दिख जाये तो उसका
आशीर्वाद लेना और उससे अपने लिए शुभकामना की कामना करना तो हमारे जीवन का अभिन्न
अंग है। जीवन में चाहे कैसा भी समय आये शुभकामना आगे बढ़ने का साहस देती है। हम तो
यहाँ तक मानते हैं कि ‘जो बात दवा से नहीं होती, वो बात दुआ से होती है। जब कामिल मुर्शिद मिलता है, तो बात खुदा से होती है’। ‘कामिल मुर्शिद’ मतलब कि सच्चा गुरु जब
मिलता है तो फिर जीवन में किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती, गुरु की दुआओं और आशीर्वाद से जीवन का हर मसला हल हो जाता है। क्योँकि
गुरु एक भटके हुए इनसान को उसकी वास्तविक राह पर डाल देता है। जब किसी इनसान की
दिशा बदल जाती है तो दशा स्वयं ही बदल जाती है। क्योँकि जब हम मंजिल की तरफ चलते
हैं तो चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आयें हम अगर दृढ निश्चयी हैं तो जरुर पहुंचेंगे और
जब हमने अपनी इच्छित मंजिल पा ली तो दशा का बदलना स्वाभाविक है। किसी अनुभवी और
सच्चे इनसान का मार्गदर्शन जीवन की महता को अनमोल बना देता है तो वहीँ दूसरी तरफ
अगर हम मंजिल से उलटे चलते हैं तो जीवन कौड़ियों से भी बदहाल हो जाता है।

सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु
निरामया:।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित दु:ख भाग भवेत्।।
यानि की एक ऐसी शुभकामना जिसमें सभी के सुख की आशा की गयी हो, और हम तो ऐसे चिंतन का हिस्सा रहे हैं जहाँ ‘वसुधैव
कुटुम्बकम’ की कामना की जाती है। कोई एक देश और उस देश के प्राणी ही नहीं, बल्कि सार संसार ही अपना घर है। यह सब पढ़कर, सोच
कर खुद पर गर्व होता है और ज्यादा ख़ुशी तो तब होती है कि यह मात्र कहने, लिखने, पढने की ही बातें नहीं हैं। बल्कि
जिन्होंने इन्हें कहा है, लिखा है उनका जीवन ऐसी
भावनाओं और कर्मों का जीवन्त उदाहरण रहा है। हमें यह स्वीकार करने में कोई हिचक
नहीं होती कि हम एक महान देश भारत के नागरिक हैं। मनुष्य जन्म मिलना तो खुदा की
सौगात है ही, लेकिन भारत जैसे देश में जन्म
मिलना यह खुदा की विशेष कृपा है, उसका एक उपहार है। जहाँ सबके भले की कामना ही नहीं की जाती बल्कि अगर किसी को कोई मौका
मिलता है तो वह उस व्यक्ति के लिए काम करने से भी नहीं कतराता और बदले में किसी
लाभ की कोई इच्छा किये बगैर सेवा भाव से कर्म करता है। इस देश में शुभकर्म और
शुभकामना दोनों का महत्व है।
आज फिलहाल इतना ही....आप सबको नववर्ष 2013 की हार्दिक शुभकामनाएं.