समय: सोचता हूँ तू किसी दिन अगर ठहर जाता तो मेरी
सांसों का यह सफ़र भी थोड़ी देर के लिए विश्राम पाता और मैं करता तुझसे बातें तेरे
साथ बिताये लम्हों की, और उस वक़्त मुझे लगता तू कहीं
नहीं है और मैं भी कहीं नहीं. हम दोनों की एकात्मकता यह स्थापित करती कि जीवन और
जगत संचालित हैं किसी अदृश्य सत्ता से, और वह अदृश्य
सत्ता हम दोनों को बतला रही है जीवन के मायनें. तुम हमेशा उस अदृश्य सत्ता से निभा
जाते हो, लेकिन मैं हमेशा तेरे अच्छे होने का इन्तजार
करता रहता. ‘तू अच्छा कब है और कब
बुरा’ यह आज तक कोई नहीं जान पाया. लेकिन इस बात को
सभी स्वीकार करते हैं कि ‘वक़्त
बड़ा बलवान होता है’. कई
बार इस बात को सुनकर मेरे मन में भ्रम भी हुआ, लेकिन
सच्चाई यही है. अब मैं भी यही मानता हूँ और आज तेरे सामने नतमस्तक हूँ. तुझे एक सीमा
में बांधकर विदा करने के लिए. हालाँकि जो पैमाना हमने तुझे विदा करने के लिए तय
किया है वह तो प्रकृति का बदलाब है, ऋतुओं का रूपांतरण
है और उस प्राकृतिक बदलाब में हमनें तुझे भी शामिल किया. चलो आज मानते हैं कि एक
साल के रूप में तू हमसे विदा हो रहा है. लेकिन सच यह है कि यह सब सोच है और किसी
हद तक यह सोच प्रासंगिक भी. ना जाने कब से यह सब चल रहा है और ना जाने कब तक चलता
रहेगा. मेरी साँसों का सफ़र जब तक इस रूप में तेरे साथ
है तब तक तो है ही, और ना जाने कितने रूपों में रहा है, और ना जाने कब तक रहेगा. खैर बहुत हो चुकी बातें तुमसे और जितनी करूँगा
काम तो आने वाली नहीं. जब तुझे रुकना ही नहीं है तो मैं कैसे कहूँ कि तू ठहर जा.
याद आएगा तू मुझे 2011 के रूप में सांसों के अंतिम सफ़र तक, जीवन की
नियति तक. क्योँकि तुझसे बहुत अच्छी यादें जुडी हैं मेरी वर्ष 2011 के रूप में. पता ही नहीं चला
कि तू जीवन से कब जुदा हो गया. लेकिन जब पीछे मुड़कर देखा तो सच में तू मुझसे जुदा
हो रहा है. अहसास हुआ मुझे आज तेरे होने का, बहुत कुछ खोने
और उससे ज्यादा कहीं पाने का. क्या-क्या नहीं दिया तूने मुझे पूरे दिनों में. यह सब सोच कर रोमांचित हो रहा हूँ मैं और आने
वाले वर्षों में जीवन जीने की प्रेरणा ले रहा हूँ. हालाँकि
यह भी सच है कि जीवन और साँसों का सफ़र अनिश्चित है, लेकिन
यह भी सही है कि साँसों के सफ़र के साथ ही जीवन का सफ़र भी जुड़ा रहेगा. बस यह बात
अच्छी तरह से मेरे जहन में रहनी चाहिए, फिर मैं किसी भी
हालत में तुझे विस्मृत नहीं कर पाऊंगा और अगर मैंने तुझे कभी विस्मृत नहीं किया तो
यह निश्चित है कि मेरे जीवन की सार्थकता किसी न किसी तरीके से सिद्ध ही हो जाएगी.
क्योँकि मैंने जीवन में सफल लोगों से यही सुना है कि वक़्त की कद्र करो, और यह भी सुना है कि जो
वक़्त की कद्र करता है वक़्त उसकी कद्र करता है. इसलिए मुझे हमेशा तेरी कद्र का भान रहे . फिर भी वर्ष 2011 के रूप में तुझे अच्छी यादों के साथ विदा कर रहा हूँ. अब हम फिर वहीँ से शुरू करेंगे जहाँ से हमने तेरा साथ लिया था, जब तू आया था तो हमने खूब मस्ती की थी और तेरा स्वागत किया था हमने एक जनवरी 2011 के रूप में. आज फिर एक जनवरी है और उसे हम 2012 कहेंगे और सोचेंगे कि नया साल आया है और यह प्रक्रिया अनवरत
चल रही है और चलती रहेगी. हम जीवन को एक प्रक्रिया के तहत जीते हैं और वह
प्रक्रिया दिन, महीनों और सालों के रूप में हमारे जीवन में घटित होती है.
खैर अब समय तू वर्ष 2012 के रूप में हमारे सामने हैं. हर किसी की जिन्दगी का अपना मकसद है और हर कोई
जीवन को सफल बनाने में लगा है. इसलिए जब तू 2012 के
रूप में हम सबके साथ है तो कामना यही है कि हर किसी को सुमति प्राप्त हो और हर कोई
संकीर्णताओं से उपर उठकर देश, समाज और मानवता के लिए
कार्य करे. आज जो रूप मानव का हमारे सामने है उससे हमें राहत मिले. देश और दुनिया
में जो अशांति फैली हुई है वह जितनी जल्दी हो सके समाप्त हो और इस सुंदर सी धरती
का वातावरण और सुंदर हो जाए. पूरी कायनात खुदा का कुनबा है और इस में रहने वाला हर
एक प्राणी खुदा की खुबसूरत कृति है. ऐसा वातावरण बने कि हम इस पूरी कायनात से
प्रेम कर सकें. हमारी शुभकामनाएं तभी असर करेंगी जब हमारा आचरण और कर्म सही होगा.
इसलिए खुद के जीवन और चरित्र को विश्लेषित करने का भी एक अवसर तू हमें प्रदान कर
रहा है और हम ऐसा कर पायें. जब धरती पर सभी मानवीय मूल्यों को धारण कर जीवन
जीयेंगे तब हमारा अपना जीवन तो सार्थक होगा ही औरों के लिए भी हम प्रेरणा और सुख
का कारण बनेंगे. इसी कामना के साथ आप सभी को नववर्ष 2012 की हार्दिक शुभकामनाएं. ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आने वाला वर्ष हम सब
की जिन्दगी में ढेर सारे सुखद अहसास लाये और हम सबका जीवन खुशियों से सराबोर हो. इन्हीं कामनाओं के साथ…वर्ष 2012 तेरा स्वागत है.