05 जनवरी 2012

हँसते - हँसते

दिल मेरा लूट गये, हँसते-हँसते
पैमाने टूट गयेहँसते-हँसते
पीने का शौक रहा हमें इस कदर
मयखाने छूट गये, हँसते-हँसते
महफ़िल में छाई रही ख़ामोशी
तराने फूट गये, हँसते-हँसते
दूरियाँ मंजूर नहीं मोहब्बत में 
दिवाने रूठ गये, हँसते -हँसते 
शमा जली ही नहीं रात भर
परवाने झूठ हुए, हँसते-हँसते

46 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी5/1/12 9:21 pm

    bahut khoob
    shandar kavita
    maja aa gaya
    haste haste
    accha likha raam

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  2. kewal ji...aap ne bahut satik likha hn...bhut ghaherayi mn le gaye bat,,,,,

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  3. वाह,केवल जी.
    महफ़िल को लूट लिया आपने,हँसते हँसते.

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  4. सब कुछ कह दिया हँसते-हँसते... शानदार, लाजवाब रचना...

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  5. सुंदर!!!!बहुत सुंदर रचना,...
    कई बार अनुरोध के बाद भी आप मेरे पोस्ट पर नही आये.....खेर ये आपकी मर्जी है,

    WELCOME to new post--जिन्दगीं--

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  6. पर्स मेरा वो लूट ले गए हँसते हँसते
    कुछ अंडे भी टूट गए थे हँसते हँसते !
    मुफ्त की दारु कौन पिलाए मुझको साकी
    बिना पर्स मयखाने आया हँसते हँसते !

    शुभकामनायें आपको !

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  7. अच्छी लगी कविता हँसते हँसते.

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  8. सुंदर गजल है, काफ़िया ठीक बैठ रहा है।

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  9. क्या बात है आप कविता भी लिखते हैं यह तो मैंने आज ही जाना सुंदर रचना बधाई

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  10. केवल जी,
    चलते-चलते से हंसते-हंसते तक का सफर बड़ा ही शानदार है.. शाबाशी इस गज़ल के लिए और दुआ उस हँसी के लिए जो सदा आप पर बनी रहे!!

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  11. सुंदर रचना।
    हंसते हंसते जीवन कट जाए यही दुआ....

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  12. हम भी पढ़ कर जा रहे हैं हंसते हंसते

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  13. जाने क्या सोच कर चेहरे बुझ से गये हँसते हँसते !
    आँख तो बस यूँ ही भर आई थी हँसते हँसते !

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  14. क्या बात है. उम्दा गज़ल. हर शेर पर दाद है.

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  15. बहुत सार्थक प्रस्तुति, आभार|

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  16. आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
    बहुत ख़ूबसूरत रचना !

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  17. Vah haste haste ak achhi gazal bn gyee ...badhai ke sath hi abhar

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  18. बहुत खूब लिखा हंसते हंसते |
    आशा

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  19. शम्मा जली ही नहीं रात भर
    परवाने झूठ हुए , हँसते - हँसते---

    वाह ! जवाब नहीं आपके हँसाने का ...और मर मिटने का केवल ......
    "शम्मा जलती रही रात भर
    परवाने मिटते रहे हँसते -हँसते !"

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  20. अच्छा लिखा है हँसते हँसते ....
    मेरा ब्लॉग विजिट करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
    http://dilkikashmakash.blogspot.com/

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  21. शम्मा जली ही नहीं रात भर
    परवाने झूठ हुए , हँसते - हँसते.

    --सुंदर रचना.

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  22. महफ़िल में छाई रही ख़ामोशी
    तराने फूट गये , हँसते - हँसते

    ....बहुत खूब! बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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  23. आना तो नही चाह रहा था
    फिर भी आ गया हूँ चलते चलते
    अफ़सोस कि आपको समय नही आने का
    फुरसत हो तो चले आईयेगा हँसते हँसते.

    इस बार आपने बहुत निराश किया है मुझे केवल भाई. नववर्ष की शुरुआत ऐसी तो नही होनी
    चाहिये थी.

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  24. पढ़ कर चले हम भी, हँसते हँसते...

    आनन्द आ गया....

    इसको मैने:

    शम्मा जली ही नहीं रात भर
    परवाने झूठ हुए , हँसते - हँसते

    कुछ यूँ पढ़ लिया:

    शम्मा जली ही नहीं रात भर
    परवाने रुठ गये , हँसते - हँसते

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  25. मेरा कमेंट गुम हो गया...हँसते हँसते...

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  26. अरे कमाल का लिखा है आज तो…

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  27. अरे कमाल का लिखा है आज तो…

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  28. शम्मा जली ही नहीं रात भर
    परवाने झूठ हुए , हँसते - हँसते

    बहुत सुंदर, केवल भाई । आपने तो अब आना जाना ही छोड़ दिया । इसलिए मैं ही आपको याद दिलाने के बहाने ही सही आ गया हूँ.। मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । नए वर्ष, की अशेष शुभकामनाएं ।. .

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  29. "महफ़िल में छाई रही ख़ामोशी
    तराने फूट गये , हँसते - हँसते "

    विरोधाभास का सुंदर प्रयोग किया है आपने!

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  30. बेजोड़ भावाभियक्ति....

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  31. खुबसूरत रचना के लिए . बधाई

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  32. जिंदगी गुजार जाए यूँ ही हंसते हंसते ..अच्छी प्रस्तुति

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  33. आप इस जिंदगी का सच लिख गए
    यूँ ही हसंते हसंते

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जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.