वफ़ा नजर आई उनकी वेवफाई मुझे
इश्क की दुनिया में लगी सच्चाई मुझे
बदलते क्योँ हैं इश्क में इनसान के जज्बात
बात यह अब तक नहीं समझ आई मुझे
जुल्मों सितम तो मैंने किसी पर ढाया नहीं
फिर क्योँ दी उसने तोहफे में तन्हाई मुझे
सपने दिल के टूटे उनकी ही महफ़िल में
दुनिया अपनी ही लगने लगी पराई मुझे
इश्क के मयखाने में मय जब खत्म हो गयी
आंसुओं की ताल में उसने गजलें सुनाई मुझे
इश्क की दुनिया में लगी सच्चाई मुझे
बदलते क्योँ हैं इश्क में इनसान के जज्बात
बात यह अब तक नहीं समझ आई मुझे
फिर क्योँ दी उसने तोहफे में तन्हाई मुझे
सपने दिल के टूटे उनकी ही महफ़िल में
दुनिया अपनी ही लगने लगी पराई मुझे
इश्क के मयखाने में मय जब खत्म हो गयी
आंसुओं की ताल में उसने गजलें सुनाई मुझे