24 जनवरी 2012

तुम्हारी तस्वीर

मेरे मेज पर सजी 
तुम्हारी उस खुबसूरत 
तस्वीर ने 
कल मुझसे एक सवाल किया 
" बहुत दिन हो गए 
तुमने मुझसे कुछ कहा नहीं " 
मैं स्तब्ध ... सोचता रहा 
उस सवाल को ......!

मुझे निरुतर देख 
फिर उसने कहा 
" बहुत दिन हो गए 
आईना देखे हुए " 

फिर उसी लहजे में 
" अब नहीं रही 
जिन्दगी में 
मोहब्बत की खुशबू  
अब नहीं रहा 
प्यार का वह पागलपन 
नहीं रही वह दीवानगी 
रहा नहीं वह अपनापन " 

एक सांस में ऐसे कहा 
मेरी जिन्दगी
अब .......!
जिन्दगी नहीं रही 
और तुम्हारी  
तु  म्हा  री 
जि....न्द....गी 
प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी .                                           

44 टिप्‍पणियां:

  1. एक सांस में ऐसे कहा
    मेरी जिन्दगी ,
    अब .......!
    जिन्दगी नहीं रही
    और तुम्हारी
    तु म्हा री
    जि....न्द....गी
    प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी .बहुत ही खुबसूरत अंदाज़..... और प्रशन भी है....... बहुत अच्छी लगी रचना........

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  2. jindagi to prashn chinha hi hai dost...:)
    bahut khub....
    bahut behtareen andaaj
    jo bhi aap likhte ho, dil se likhte ho:)

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  3. तु म्हा री
    जि....न्द....गी
    प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी ........अगर ऐसा हो गया तो ?????

    रेशमी पर्दे ना कभी सरसरायेंगे
    हम खुद थक थक के उठते जायेंगे||

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  4. रोज रोज की मारामारी सच में कई प्रश्न खड़े करती है ... क्यों संवेदनाएं खत्म होती जा रही हैं ... कई कई दिन तक कभी इंसान जीता है आस पास के माहोल से अनजाना हो कर ... पर क्यों ...

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  5. और तुम्हारी
    तु म्हा री
    जि....न्द....गी
    प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी…………


    उफ़ ………मोहब्बत के इम्तिहान
    प्रश्नचिन्ह पर आकर ही क्यों अटकते हैं ………
    हटा दो आईनों को जिसमे अक्स रुकता नही ………
    मिटा दो हर सवाल को जिसका कोई हल दिखता नही ………
    मोहब्बत मे मोहब्बत को जी लेना
    दो घूंट मोहब्बत के पी लेना बडी बात नही
    मोहब्बत किसी तवायफ़ की एक रात नही
    सदियां बीत जाती हैं उम्र को छलते हुये
    यूँ ही नही मोहब्बत के ताजमहल हैं बनते
    यूँ ही नही युगों की तहरीरों पर
    मोहब्बत के फानूस टंगते
    हमने तो मोहब्बत से जबानदराजी की है
    देखें कितने और ज़ख्मों की
    कितने और इंतज़ार के पैरहनों की
    मोहब्बत इबादत करती है .............यूँ ही तो नहीं मोहब्बत को खुदा बनाया जाता
    तभी तो मोहब्बत प्रश्नचिन्ह से अलग खुदाई दीदार का एक मुकम्मल जहान है ..........

    जवाब देंहटाएं
  6. और तुम्हारी
    तु म्हा री
    जि....न्द....गी
    प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी…………


    उफ़ ………मोहब्बत के इम्तिहान
    प्रश्नचिन्ह पर आकर ही क्यों अटकते हैं ………
    हटा दो आईनों को जिसमे अक्स रुकता नही ………
    मिटा दो हर सवाल को जिसका कोई हल दिखता नही ………
    मोहब्बत मे मोहब्बत को जी लेना
    दो घूंट मोहब्बत के पी लेना बडी बात नही
    मोहब्बत किसी तवायफ़ की एक रात नही
    सदियां बीत जाती हैं उम्र को छलते हुये
    यूँ ही नही मोहब्बत के ताजमहल हैं बनते
    यूँ ही नही युगों की तहरीरों पर
    मोहब्बत के फानूस टंगते
    हमने तो मोहब्बत से जबानदराजी की है
    देखें कितने और ज़ख्मों की
    कितने और इंतज़ार के पैरहनों की
    मोहब्बत इबादत करती है .............यूँ ही तो नहीं मोहब्बत को खुदा बनाया जाता
    तभी तो मोहब्बत प्रश्नचिन्ह से अलग खुदाई दीदार का एक मुकम्मल जहान है ..........

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  7. कुछ भी हमेशा एक जैसा कहाँ रहता है.
    सुन्दर प्रस्तुति.

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  8. प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी .बहुत ही खुबसूरत अंदाज़

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  9. बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

    कल 25/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्‍वागत है, ।। वक्‍़त इनका क़ायल है ... ।।

    धन्यवाद!

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  10. मन ने मन को क्या समझाया,
    जीवन जिसको समझ न पाया।

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  11. " अब नहीं रही
    जिन्दगी में
    मोहब्बत की खुशबू ?
    अब नहीं रहा
    प्यार का वह पागलपन

    नहीं रही वह दीवानगी
    रहा नहीं वह अपनापन "

    शायद अब समझ आने लगी है . :)

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  12. "न रहे प्यार का वह पागलपन
    हो जाये ख़त्म दीवानगी
    न रहे पहले सा अपनापन
    चाहे न रहे यह जिंदगी "
    लेकिन...
    जिन्दगी में
    मोहब्बत की खुशबू
    हमेशा रहती है
    अंतिम सांस तक
    यूँ भी हो सकता है
    जन्मों - जन्मों तक ....
    शुभकामनायें........

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  13. कुछ प्रश्नों के उत्तर नहीं होते....
    सुन्दर....

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  14. अरे मेरा कमेंट कहाँ गया केवल राम?

    जवाब देंहटाएं
  15. तु म्हा री
    जि....न्द....गी
    प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी .


    उफ़ ………मोहब्बत के इम्तिहान
    प्रश्नचिन्ह पर आकर ही क्यों अटकते हैं ………
    हटा दो आईनों को जिसमे अक्स रुकता नही ………
    मिटा दो हर सवाल को जिसका कोई हल दिखता नही ………
    मोहब्बत मे मोहब्बत को जी लेना
    दो घूंट मोहब्बत के पी लेना बडी बात नही
    मोहब्बत किसी तवायफ़ की एक रात नही
    सदियां बीत जाती हैं उम्र को छलते हुये
    यूँ ही नही मोहब्बत के ताजमहल हैं बनते
    यूँ ही नही युगों की तहरीरों पर
    मोहब्बत के फानूस टंगते
    हमने तो मोहब्बत से जबानदराजी की है
    देखें कितने और ज़ख्मों की
    कितने और इंतज़ार के पैरहनों की
    मोहब्बत इबादत करती है .............यूँ ही तो नहीं मोहब्बत को खुदा बनाया जाता
    तभी तो मोहब्बत प्रश्नचिन्ह से अलग खुदाई दीदार का एक मुकम्मल जहान है ..........

    दोबारा लगा रही हूँ पसन्द ना आया हो तो बता देना और हटा भी देना तब कोई ऐतराज़ नही है :)

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  16. केवलराम जी ,
    किताबों में कभी सहेजे गए गुलाब सूख जरुर जाते हैं,
    पर उनसे मुहब्बत की खुशबु कभी नहीं जाती, कुछ पुराने पन्ने पलटते ही जिंदगी की वो खुशबु लौट आती है, तस्वीरें जिंदा हो जाती है ....सवाल करतीं है !
    कई प्रश्नचिन्ह मानस पर छप जातें है ...निरुत्तर !!
    साथ ही : यहाँ आये हुए काफी अरसा हो गया आपको.. नज़रे इनायत कीजिये

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  17. जब तुम ही नहीं अपने, तस्वीर अपनी कैसे हो?

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  18. बेनामी24/1/12 9:47 pm

    vaah tasveer se kavita
    bahut khoob raam bhai

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  19. जिंदगी इन प्रश्नों के सहारे ही आगे बढती रहती है. कभी उत्तर के इन्तेज़ार में और कभी निरुरत्तर ही. सुंदर प्रस्तुति.

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  20. मन की बात बताती समझाती पंक्तियाँ .....उम्दा प्रस्तुति .....

    जवाब देंहटाएं
  21. कोमल भावनाएँ शब्दों से बाहर झांकती हुई , होठों पर स्मित मुस्कान बिखेरने में सफल . मुबारक हो

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  22. क्या व्यापक विस्तार है आपके विचार का केवल जी.... कभी गूढ़ आध्यात्मिक प्रश्न उठाते हैं तो कभी सहज सरल मासूम प्रेम... बहुत सुन्दर कविता... गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना !

    जवाब देंहटाएं
  23. बहुत बहुत सुन्दर एहसासों से सजी रचना...

    जवाब देंहटाएं
  24. केवल जी! बड़ी खूबसूरती से पिरोया है आपने इन एहसास को.. फैयाज हाशमी साहब याद आ गये:
    तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी,
    वो तेरी तरह मुझसे तओ शर्मा न सकेगी!
    मैं बात करूँगा तो ये खामोश रहेगी,
    सीने से लगा लूंगा तो ये कुछ न कहेगी,
    आराम वो क्या देगी जो तदपा न असकेगी!

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  25. एक सांस में ऐसे कहा मेरी जिन्दगी ,
    अब .......!
    जिन्दगी नहीं रही और तुम्हारी तु म्हा री जि....न्द....गी प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी|

    बहुत बढ़िया रचना | एक एक पंक्ति प्रभावी |
    मेरी नई रचना जरुर देखें |
    मेरी कविता:शबनमी ये रात

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  26. ज़िंदगी के आईने में देखने पर अक्सर ऐसी ही सवाल उभर कर आते है ...उम्दा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  27. ज़िंदगी के आईने में देखने पर अक्सर ऐसी ही सवाल उभर कर आते है ...उम्दा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  28. मेरी जिन्दगी ,
    अब .......!
    जिन्दगी नहीं रही
    और तुम्हारी
    तु म्हा री
    जि....न्द....गी
    प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी ...bahut sunder ...yah prashan chinh sakuch kah gaya ....

    जवाब देंहटाएं
  29. वाह क्‍या ख्‍याल है...

    बहुत खूब।

    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....

    जय हिंद...वंदे मातरम्।

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  30. जिंदगी में हमेशा प्रश्न चिन्ह लगा रहता है ???????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????.............
    केवल राम जी |

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  31. बहूत सुंदर गहरे भावो को प्रकट करती बेहतरीन प्रस्तुती...

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  32. बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति|
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|

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  33. सच है समय और परिस्थितियाँ जीवन की परिभाषा
    ही बदल देते हैं.........
    वेदना कविता में स्पष्टतः परिलक्षित होती है।
    कृपया इसे भी पढ़े-
    क्या यही गणतंत्र है

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  34. bahut gehri sanvedna,
    tabhiu to kha hai kisi ne "AAH SE NIKLA HOGA GAAN"
    bahut umda

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  35. आपके इस उत्‍कृष्‍ठ लेखन के लिए आभार ।

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  36. कुछ अनुभूतियाँ इतनी गहन होती है कि उनके लिए शब्द कम ही होते हैं !

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  37. bahut hi umda rachna....aap ki kavitaon ki visheshta hai ke un me kho jati hun kuch pal,ye hi visheshta paadhk ko rachna se jodti hai....bdhaai aapko.....


    गौ वंश रक्षा मंच ,सब गौ प्रेमियों को सादर आमंत्रित करता है के अपने विचार /सुझाव/लेख/ कविताये मंच पर रक्खें ,मंच के सदस्य बने ,और मंच के लेखको में अपना नाम जोड़ कर मंच को गरिमा प्रदान करें ....गौ हम सब की माँ है , माँ के लिए एक जुट होना हमारा फ़र्ज़ है.....

    http://gauvanshrakshamanch.blogspot.com/

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  38. प्रश्न चिन्ह को जिन्दगी बनाओ, समस्या खत्म हो जाएगी। प्रश्नचिन्ह के आगे पूर्ण विराम है।

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  39. tasveer bhi aapse khoob baat kar leti hain,

    aakhir unki jo hai,

    Theek kaha maine Keval bhai?

    sundar bhavpoorn prastuti ke liye aabhar.

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  40. जिन्दगी नहीं रही
    और तुम्हारी
    तु म्हा री
    जि....न्द....गी
    प्रश्न चिन्ह ?????? हो गयी .very nice.

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  41. एक सांस में ऐसे कहा मेरी जिन्दगी ,
    अब .......!
    बहुत अच्छी लगी रचना

    http://rajkumarchuhan.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं

जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.