29 मार्च 2011

जिन्दगी उनके नाम


सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
यह  जिन्दगी  उनके नाम हो गयी .


बात - बात में सोच रहा था उनके बारे
बात - बात में  उलझन पैदा हो गयी .


संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .


सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी .


मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
मेरी हर निगाह अब बे ईमान हो गयी .


संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
उन्हीं से केवल  गलतफहमी हो गयी

83 टिप्‍पणियां:

  1. keval ram ji,

    har baar ki taraf is baar bhi behtreen rachna,

    sundar rachna ke liye bahut bahut badhai

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  2. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    निष्कर्ष इतना जिन्दगी उनके नाम हो गयी

    प्रेम के सुंदर कोमल और संवेदनशील भाव .....

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  3. 'मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बेईमान हो गयी'

    यह क्या लिख दिया केवल रामजी आपने ?

    ये गलतफहमी भी बड़ी जालिम चीज है.

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  4. सोचते-सोचते मुझे शाम हो गयी
    यह जिन्दगी उनके नाम हो गयी

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  5. संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी
    .
    यही जीवन है. सुंदर कविता

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  6. arre wah!! ab gajal bhi likhne lage:)

    मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बेईमान हो गयी'

    meree pasand bhi ye pankti..:)

    aap dil se likhte ho!

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  7. '...जिंदगी उनके नाम हो गई...'

    अच्‍छी और भावभरी रचना।

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  8. भाव अच्‍छे हैं लेकिन गजल के सांचे में इन्‍हें ढाल लें।

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  9. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    निष्कर्ष इतना जिन्दगी उनके नाम हो गयी...
    अब तो लगता है ख्वाहिशें और जिंदगी
    दोनों आसान हो गई...
    बहुत सुंदर और कोमल भावों से भरी रचना..शुभकामनायें.............

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  10. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    निष्कर्ष इतना जिन्दगी उनके नाम हो गयी

    बहुत खूब ...।

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  11. संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .
    इसी लुटने-लुटाने को तो प्यार कहते हैं।
    अच्छी भावाभिव्यक्ति।

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  12. "सामने उनके आते ही , मेरी जबान बंद हो गयी ".

    प्रेम में साहस की कमी क्यों पड जाती है? यही अन्तर्निहित मनोभाव उदेव्लित करते है मन को .

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  13. अच्छी प्रस्तुति!!

    'मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बेईमान हो गयी'

    बहुत खूब ...।

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  14. संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी

    ....बहुत खूब!...क्या कहने!

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  15. काफी दिनों बाद आपके बलोग पर आना हुआ है एक बढ़िया रचना पढकर सुखद अनुभव हुआ |

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  16. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    निष्कर्ष इतना जिन्दगी उनके नाम हो गयी ...sab kah jati hai ye panktiya... bhut hi bhaavo se bharpur hai....

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  17. सारे के सारे बढ़िया... परन्तु मेरा पसंदीदा...
    संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .

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  18. सोचते-सोचते मुझे शाम हो गयी
    यह जिन्दगी उनके नाम हो गयी
    http://vivj2000.blogspot.com Vivek Jain

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  19. ‘सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी’

    सुबह का भूला शाम को घर लौटे तो भूला नहीं कहते :)

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  20. संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी..

    गलत फहमी मत करो केवल
    सपने केसे पुरे होगे !

    सुन्दर रचना !

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  21. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    निष्कर्ष इतना जिन्दगी उनके नाम हो गयी .

    कोमल अहसास और उनकी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..

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  22. केवल राम जी
    नमस्कार !
    सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    निष्कर्ष इतना जिन्दगी उनके नाम हो गयी .
    .....जोरदार
    दिल को छू लेने वाली मनमोहक प्रस्तुति ।

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  23. मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बे ईमान हो गयी .

    संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी

    केवल भाई,
    कैसे लिख जाते हो यार ऐसा सब..........

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  24. सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , मेरी जबान बंद हो गयी .

    तुम्ही से दिल का हाल बतायें, तुम्ही से हाल छिपायें।

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  25. प्रेम भरी अभिव्यक्ति ,सुन्दर भाव-चित्र !

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  26. अब सावधान रहें. वैसे कुछ ऐसे वाकये होते हैं, जहां गलतफहमी भी हसीन होती है.

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  27. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    निष्कर्ष इतना जिन्दगी उनके नाम हो गयी .....

    .... बेहद रोमांटिक अंदाज़ की कविता है.... सुन्दर .. केवल कविता है या कुछ सच्चाई भी है इसमें

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  28. waah...bahut acchhi kavita hai...badhai aapko.....

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  29. .

    'मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बेईमान हो गयी'

    वाह ! बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ।

    .

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  30. बेनामी29/3/11 5:51 pm

    अति सुन्दर बधाई हो...........

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  31. बहुत सुन्दर भाव हैं ।
    अच्छी ग़ज़ल ।
    बस थोड़ी तकनीकि त्रुटियाँ हैं ।

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  32. बहुत ही शानदार गजल हैं । आभार केवल राम भाई ।

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  33. सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी .

    बहुत खूब प्यारी गजल इस के लिए शुभकामनाये

    मेरे ब्लॉग पे आकर मेरा होसला बढ़ने के लिए आप का शुक्रिया

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  34. ग़ज़ल कम शब्दों में अधिक अभिव्यक्त कर देता है व मनोभावों को सुगढ़ और सुन्दर शब्दों में प्रस्तुति की विलक्षण प्रतिभा आपके अंदर है. आपकी यह रचना भी उसी की बानगी है. ...... आभार.

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  35. संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी

    बहुत ही सुन्दर ! आभार

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  36. बेनामी29/3/11 9:06 pm

    bahut khoob likha aapane
    har bar ki tarah naya tha isame kuch

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  37. चंद शब्दों में चलते -चलते कह पाना मुस्किल है ,ठहर सा गया मन
    रूप रंग से नहीं जूनून से हुई मुलाकात
    कई तराने हैं ,कई जज्बातें
    उड़ने को बेताब हैं ये मदमस्त
    राही ,
    लक्ष्य पाने को बेताब हैं
    शब्द वीर ,कर्म वीर ...
    चलते -चलते कह गए लक्ष्मी केवल राम ...........
    सादर
    लक्ष्मी नारायण लहरे
    युवा साहित्यकार पत्रकार
    कोसीर /छत्तीसगढ़

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  38. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  39. केवल जी,बहुत ही बढ़िया भाव हैं आपकी रचना में.
    दिल को छू गयी.

    कुछ उलझते जज़्बात.
    "बात - बात में सोच रहा था उनके बारे
    बात - बात में उलझन पैदा हो गयी ."

    कुछ स्वीकारोक्तियां.
    "संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी ."

    कुछ सपने, कुछ हकीकतें.
    "सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी ."

    कुछ अश्क ,कुछ बे ईमान होती निगाहें .
    "मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बे ईमान हो गयी ."

    और कुछ गलतफहमियां,कुछ सपने
    "संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी"

    सब कुछ तो कह दिया आपने.
    समझने वाला ही न समझे तो कोई क्या करे.

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  40. मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बेईमान हो गयी'

    ज़ज्बात अच्छे और सच्चे हैं...

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  41. मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बे ईमान हो गयी .
    संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी.

    वाह क्या बात है !
    बहुत सुन्दर !
    पूरी ग़ज़ल उम्दा है !

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  42. संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .
    सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी ...

    बहुत अच्छी ग़ज़ल...
    बहुत ही खूबसूरत अलफ़ाज़....

    जवाब देंहटाएं
  43. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    यह जिन्दगी उनके नाम हो गयी .

    sunder abhivyakti .

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  44. kewal ji
    kya baat hai----
    bahut kamaal ka likha hai aapne to
    sach kabhi kabhi aise hi hota hai ki

    intjaar me jiske hamare armaan the palte
    vo kisi aur ke dil par apna naam likh gai
    bahut bahut badhiya lagi aapki post ------sachchi
    poonam

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  45. sabse badee dushman hai ye galatfahmee..........jeevan me ise dera dalne diya to jeena hee dubhar kar detee hai........spashtta jeevan ka aadhar ho to mazaa hee hai jeene me.

    jis rashte me vishvas ka abhav ho vo rishta .....?

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  46. क्या बात है केवल राम जी ..कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना की आपकी ये अदा अच्छी है लेकिन बात क्या है.....?

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  47. संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .

    बहुत खूब ...सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  48. संजोया सपना जिन्हें अपना बनानेका
    उन्ही से केवल गलतफहमी हो गई
    bahut sunder.......

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  49. "संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी ."
    इसीलिये उस चीज़ को मत ज़रूरत से ज्यादा मत संभालो जो दूसरों की हो जाए !

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  50. अच्‍छी प्रस्‍तुति..आभार।

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  51. सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी ....
    ऐसा होता है ... केवल जी ... प्रेम का असर तो ऐसा ही होता है ...
    जबरदस्त शेर कहे हैं ...

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  52. जाट देवता की राम राम।
    बहुत खूब ।

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  53. केवल जी
    पांच बार पढ़ चूका हूँ पर मन ही नहीं भरता

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  54. सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी .


    मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बे ईमान हो गयी .
    pyaar me mile najuk ahsaas ,jise bahut hi sundar se likha hai .

    जवाब देंहटाएं
  55. सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी .

    प्यार में कभी कभी ऐसा हो जाता है.परेशान न होइए, केवल जी.

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  56. अब मैं तो इस कविता के पीछे की
    भावना जानता हूँ । सही है न

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  57. मेरे गिरते अश्कों का नहीं कोई सानी
    मेरी हर निगाह अब बे ईमान हो गयी .

    संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी.

    प्यार के रस से सरावोर प्यार की उलझनों को सुलझाती खूबसूरत गज़ल.

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  58. वाह! बहुत बेहतरीन रचना.

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  59. संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .

    sab kuch samarpit kar dene ka naam hi pyaar hai.

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  60. संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी..

    प्यार के रस से सराबोर खूबसूरत गज़ल....

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  61. बहुत अच्छे भाव हैं, लेकिन ग़जल में कुछ कमी लग रही हैं। वैसे मुझे ग़जल की कोई खास समझ नहीं है। आभार।

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  62. संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .
    बहुत ही खुबसूरत शेर, बहुत खूब.....

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  63. दिल से निकलते शब्दों ने,
    दिन को तब्दील किया साँझ मे,
    और जिन्दगी उनके नाम हो गयी.
    अति सुंदर.

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  64. केवल राम जी

    सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    यह जिन्दगी उनके नाम हो गयी


    सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी .


    संजोया सपना जिन्हें अपना बनाने का
    उन्हीं से केवल गलतफहमी हो गयी


    क्या बात है भाई

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  65. भाई केवल राम जी बहुत ही सुंदर कविता है ,आपको बधाई और शुभकामनाएं |

    जवाब देंहटाएं
  66. भाई केवल राम जी बहुत ही सुंदर कविता है ,आपको बधाई और शुभकामनाएं |

    जवाब देंहटाएं
  67. प्यार के रस से सराबोर खूबसूरत गज़ल|
    नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ| धन्यवाद|

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  68. दिन मैं सूरज गायब हो सकता है

    रोशनी नही

    दिल टू सटकता है

    दोस्ती नही

    आप टिप्पणी करना भूल सकते हो

    हम नही

    हम से टॉस कोई भी जीत सकता है

    पर मैच नही

    चक दे इंडिया हम ही जीत गए

    भारत के विश्व चैम्पियन बनने पर आप सबको ढेरों बधाइयाँ और आपको एवं आपके परिवार को हिंदी नया साल(नवसंवत्सर२०६८ )की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!

    आपका स्वागत है

    121 करोड़ हिंदुस्तानियों का सपना पूरा हो गया

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  69. सोचते - सोचते मुझे शाम हो गयी
    यह जिन्दगी उनके नाम हो गयी .
    wah...behad achchi lagi.

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  70. केवल राम भाई, कोमल भावों से ओतप्रोत सुंदर रचना प्रस्तुत करने के लिए बधाई|

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  71. बात - बात में सोच रहा था उनके बारे
    बात - बात में उलझन पैदा हो गयी .

    कोमल अहसासों से परिपूर्ण बहुत सुन्दर रचना..नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें!

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  72. Bahut pyara..komal...kuchh-kuchh jadui bhavon ko pratidhvnit karti hui khubsurat rachana hai..jab jindgi kisi ke naam ho jati hai to man malang ho jata hai..bahut achchhi lagi ...aabhar

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  73. जिंदगी किसके नाम हो गई केवल भाई

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  74. केवल जी
    पांच बार पढ़ चूका था
    पर आज फिर पढने चला आया यार

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  75. सपना बन कर रह गया उनके बारे सोचना
    सामने उनके आते ही , जबान बंद हो गयी अरे यार अगर बोल देते तो शायद बात बन जाती

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  76. संभाले रखा था जिसे मैंने अपने लिए
    दौलत वो तमाम उनके नाम हो गयी .

    ....वाह! बेहतरीन रचना...

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जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.