25 मार्च 2012

कम्प्यूटर सुरक्षा हेतु कुछ टिप्स

सूचना तकनीक के इस दौर में व्यक्ति की यांत्रिक चीजों पर बढती निर्भरता ने व्यक्ति के काम करने की कुशलता को भले ही कम किया हो लेकन उसे आसान जरुर बनाया है . आज अकेला व्यक्ति ही कई व्यक्तियों का काम कर सकता है . विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली इस तकनीक ने वैश्विक परिदृश्य को बदल कर रख दिया है . कम्प्यूटर  का अविष्कार इस दिशा में महत्वपूर्ण घटना है , और इंटरनेट के अविष्कार ने तो दुनिया की दुनिया का नक्शा ही बदल दिया .  इंटरनेट आज सूचनाओं के आदान प्रदान का ही नहीं बल्कि जीवन का अहम् हिस्सा बन चुका है .कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जिसका सम्बन्ध इंटरनेट से न हो . सूचनाओं को एक दूसरे तक पहुँचाने के लिए  इलेक्ट्रोनिक विधियों द्वारा कम्प्यूटरों को जोड़कर नेटवर्क बनाने की प्रक्रिया चार दशक पहले शुरू हो गयी थी . वर्ष 1966 में अमरीकी रक्षा विभाग के एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स  (ARPA) ने पहले पहल कम्प्यूटर नेटवर्क ' " अर्पानेट " तैयार किया तथा वर्ष 1969 में इस पर चार प्रोग्राम प्रोवाइडर कम्प्यूटरों को जोड़ा . प्रारंभ में इसका उपयोग रक्षा अनुसन्धान से जुड़े कार्यक्रमों के लिए किया गया . तब किसी ने शायद ही इसकी व्यापक भावी संभावनाओं का आकलन किया होगा . लेकिन समय सदा एक सा नहीं रहता और मानवीय स्वभाव है कि वह अपनी रचनात्मकता के बल पर आगे बढ़ता रहता है . इस क्षेत्र में अचानक रचनात्मक मोड़ तब आया जब मार्च 1989  में सर्न के वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ' के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने वर्ल्ड वाइड वेब www खोज की जो इन्फोर्मेशन का मूल आधार बना . इसके बाद ब्रोडबेंड , आप्टिकल फाइबर , टेलीफोन तथा उपग्रह संचार प्रणाली ने सूचनाओं को और अधिक तेजी से प्रेषित करना शुरू कर दिया . आगे चलकर इस प्रगति को सूचना क्रांति का नाम दिया गया . 
सूचना क्रांति का यह दौर आगे बढ़ता रहा और हम प्रगति करते गए . लेकिन समय के साथ - साथ इसमें भी उलझने और परेशानियां आने लगी . जिनमें से एक परेशानी जिससे संभवतः हर किसी को कम्प्यूटर पर कम करते वक़्त झेलनी पड़ती है' वह है किसी कम्प्यूटर में वायरस का आ जाना . पिछले 3 वर्षों के लगातार अनुभव के बाद कह सकता हूँ कि वायरस की जानकारी सामान्य तौर पर हमें नहीं हो पाती लेकिन वह धीमे से हमारे सिस्टम को प्रभावित करता है और कभी तो नौबत यहाँ तक आ जाती है कि हमें पूरे सिस्टम को फार्मेट करना पड़ता है . तब ही कहीं समस्या का समाधान हो पाता है . लेकिन इस प्रक्रिया में हमारे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और प्रोग्राम भी काल का ग्रास बन जाते हैं  . कम्प्यूटर पर काम करते वक़्त और इंटरनेट का उपयोग करते हुए कुछ सावधानियां अगर हम बरतें तो काफी हद तक निजात पाई जा सकती है . आइये कुछ बिन्दुओं पर गौर करते हैं :- 

  • जब हम कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं तो हमेशा ही यह ध्यान रखें कि कम्प्यूटर में स्थापित मेमोरी 640 किलोवाइट से कम तो नहीं हो गयी है . यह भी हो सकता है कि हमें अपने सिस्टम की सक्रीन पर कोई अनचाहा सन्देश प्राप्त हो रहा हो ' या यह भी हो सकता है कि कोई फ़ाइल या प्रोग्राम अस्वाभाविक रूप से घट या बढ़ रहा हो या फिर हमारा कम्प्यूटर हार्ड डिस्क से बूट प्रोग्राम पढ़कर भी आरम्भ  नहीं हो रहा है, तो हमें समझ लेना चाहिए की वायरस का अटैक हमारे कम्प्यूटर में हो चुका है  . 
  • इससे पहले कि हमें ऐसी परेशानी से दो - चार होना पड़े , हम अपने सिस्टम में हमेशा एक अच्छे एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें . एंटी वायरस सॉफ्टवेयर ख़ासतौर पर कम्प्यूटर को वायरस से बचाने के लिए तैयार किये जाते हैं . यह वायरस हमले से कम्प्यूटर को बचाते हैं , वायरस को फैलने से रोकते हैं और उन्हें हटाते भी हैं . अगर हम प्रतिदिन इंटरनेट पर कम करते हैं तो हमें एंटी वायरस सॉफ्टवेयर को जरुर अपडेट करना चाहिए , हालाँकि अब उपलब्ध होने वाले लगभग सभी एंटी वायरस सॉफ्टवेयर स्वतः ही उपडेट हो जाते हैं , लेकिन फिर भी इस मामले में सावधानी बरती जा सकती है . 
  • एंटी वायरस सॉफ्टवेयर किन्हीं ख़ास तरह के कोड्स को ध्यान में रखकर तैयार किये जाते हैं . जैसे ही कोई फ़ाइल इन कोड्स से मिलती जुलती है तो यह प्रोग्राम उन्हें ब्लॉक कर देता है, तथा हमें यह बताता है कि हमारे सिस्टम में वायरस है . 
  • ई-मेल , पेन ड्राइव या सीडी से डाटा लेते वक़्त , या फिर इंटरनेट से कोई फ़ाइल डाउनलोड करते वक़्त सावधानी से काम लें तो बेहतर है . ऐसा करते समय अगर हम इन्हें एंटी वायरस से स्केन करके ही प्रयोग करें तो असुविधा से बचा जा सकता है .  
  • अगर हमारे सिस्टम में वायरस आ गया है तो पूरे सिस्टम को एंटी वायरस सॉफ्टवेयर से स्केन करना चाहिए . जिससे वायरस मिल जायेगा और उसके मिलते ही तुरंत उसे हटाया जा सकता है . 
  • ऐसे पेन ड्राइव, सीडी या डीवीडी का उपयोग न किया जाए जो किसी वायरस ग्रस्त कम्प्यूटर में चलें हों . अगर इस बात का अंदाजा बाद में भी लगता है तो सिस्टम को स्केन किया जा सकता है और नेटवर्क पर मौजूद लोगों को सूचित करके उन्हें इस असावधानी से बचाया जा सकता है .  
  • आज बाजार में कई कम्पनियों के अच्छे एंटी वायरस उपलब्ध हैं . अपने सिस्टम के अनुरूप उनका चुनाव किया जा सकता है . जैसे मैक्फे, एवीजी , नार्टन , अवास्त, अवीरा, के -सेवन; पांडा, आदि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है . इन्हें मार्केट से या फिर सीधे इंटरनेट से ख़रीदा जा सकता है . इसके अलावा इनके मुफ्त वर्जन भी उपलब्ध रहते हैं .लेकिन यह निश्चित अवधि तक ही होते हैं और फिर उस अवधि के बाद इन्हें दुबारा से अपडेट करना होता है . लेकीन सुरक्षा के लिहाज से हमें सचेत रहने की आवश्यकता है . 
  • हमें अपने सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज तथा प्रोग्रामिंग से जुड़े सॉफ्टवेयर को अलग सीडी या डीवीडी में लोड कर रखना चाहिए . ताकि समय आने पर इनका उपयोग किया जा सके .
ऐसे कई और महत्वपूर्ण बिंदु हो सकते हैं जिनको मध्यनजर रखकर हम अपने सिस्टम को सुरक्षित करके कई तरह की परेशानियों से बच सकते हैं ,और बेहतर ब्लॉगिंग के साथ - साथ कई काम आसानी से कर सकते हैं .

29 टिप्‍पणियां:

  1. राम जी बडे काम की बाते बता रहे हो, बहुतों के काम आयेगी।

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  2. कंप्यूटर का इतिहास और सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी अच्छी लगी ।

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  3. सभी के लिए बहुत अच्छी सलाह दी है...
    धन्यवाद सहित आभार आपका....:-)

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  4. बड़ी ही उपयोगी सलाह
    आभार

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  5. उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद।

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  6. अच्छी सलाह है ..धन्यवाद

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  7. अत्यंत उपयोगी जानकारी.

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
    आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 26-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ

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  9. उपयोगी जानकारी....!
    thanx... :)

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  10. उपयोगी सलाह....अच्छी लगी....

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  11. उपयोगी जानकारी
    बहुत बहुत आभार

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  12. अभी अभी फॉर्मेट मे सब कुछ गँवा चुका हूँ... कहते हैं न ... गिरते हैं शहसवार ही मैदाने जंग मे।

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  13. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है।
    चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्टस पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं....
    आपकी एक टिप्‍पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

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  14. उपययोगी और सार्थक.

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  15. कंप्यूटर का इतिहास और सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी अच्छी लगी ।उपयोगी सलाह...

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  16. जरुरी और उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद...

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  17. सुरक्षा सम्बन्धी बहुत उपयोगी जानकारी के लिए आभार...केवल जी

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  18. उपयोगी जानकारी
    http://rajkumarchuhan.blogspot.in

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  19. सार्थक एवं उपयोगी जानकारी ..... बधाई.

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  20. कम्पुटर के विषय में बेहतर जानकारी के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद्

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