09 मार्च 2011

नजरें तुम पर

आज नजरें तुम पर तमाम हैं जमाने की
मालूम उन्हें है, तू शम्मा है परवाने की

कायल भला कौन ना होगा तेरी अदाओं का
आदत है ही जो तुम्हें मुस्कराने की

आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
चेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की

खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की

दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझाया
हर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की

105 टिप्‍पणियां:

  1. बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

    और मेरी नीयत बदल गयी है, गज़लें चुराने की :)

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  2. बहुत खूब...सुन्दर गज़ल

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  3. बहुत खूब ! शुभकामनायें !

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  4. चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
    हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
    क्या बात है! मस्त!
    और हां, रोते रोते हंसना सीखो...

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  5. दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
    bahut khoob

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  6. प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझाया
    हर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की

    वाह ! बेहतरीन !

    .

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  7. आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
    चेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की

    वाह, क्या कहने...
    प्रेममयी भावनाओं को सुंदरता से अभिव्यक्त करती बेहतरीन ग़ज़ल।

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  8. बहुत खूब...सुन्दर गज़ल

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  9. बहुत खूब! बेहतरीन गज़ल| धन्यवाद|

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  10. बहुत सुंदर, शुभकामनाएं.

    रामराम

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  11. वाह,
    लगता है कुछ कर गुजरोगे.
    ऐसे ही तुम ना सुधरोगे.
    हा हा हा ........,खूब है.

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  12. अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है ग़ज़ल. और आपने ग़ज़ल में शब्दों को सुन्दर प्रयोग किया है. आभार.
    शुभकामनाओं सहित

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  13. क्या श्रृंगार लिखा है भाई साहब....मस्त....

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  14. केवज जी बहुत खूब।
    दिल को छू लेने वाली गजल पेश की आपने।
    तारीफ में क्‍या कहूं एक शेर याद आ रहा है, वही कह देता हूं,
    ' इश्‍क है तो शिकायत न कीजिए,
    और शिकवे हों तो मुहब्‍बत न कीजिए।'
    शुभकामनाएं आपको।

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  15. दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

    अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है ग़ज़ल. और आपने ग़ज़ल में अपने दिल में छुपे भावों को एक बेहतरीन और सुलझे हुए सुन्दर रूप में प्रस्तुत किया है.. तो यादों को सजाते रहिये यूँ ही शानदार ग़ज़लों के रूप में ..

    प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझाया
    हर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की..

    पर जो इस कला को सहने की ताकत रखता है , वही तो इतना कुछ समझ सकता है.. बहुत गहरे भाव लिए एक प्यारी सी ग़ज़ल.. आभार

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  16. क्या बात है!!
    आज तो दिल खोल कर रख दिया है।
    सुंदर रचना।

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  17. प्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति....

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  18. मनभावन गजलें. शानदार अभिव्यक्ति...

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  19. बेनामी9/3/11 11:02 pm

    kya bat hain
    bahut khoob

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  20. कायल भला कौन ना होगा तेरी अदाओं का
    आदत है ही जो तुम्हें मुस्कराने की
    वाह जी क्या बात हे, बहुत खुब, धन्यवाद

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  21. चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
    हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.

    बहुत खूब, सुन्दर गज़ल.

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  22. चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
    हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
    इक कशिश है छुपी हुई इस चुभन मे, साथ मे करहाते है केवल के

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  23. हंसी आ जाए, हसीनों की ऐसी आदत को आपने रेखांकित किया है.

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  24. बहुत ही खुबसूरत रचना....

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  25. वाह वाह वाह! मतलब मामला कुछ आगे बढा है।
    उम्दा गजल वहीं से निकल कर आ रही है :)

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  26. mere khyal se yah gazal ke niymon par khri nhin utregi
    meri tarh aap bhi ise " agazal " vidha ka nam den

    bhav paksh se yah ati sunder rachna hai aur nizi roop se main bhav paksh ka hi smarthak hoon

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  27. ऐसा प्रतीत होता है केवल को बहुत सताया है हसीनो ने , जरा संभल के ! बहुत सुंदर

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  28. वाह ....बहुत खूब ...बेहतरीन प्रस्‍त‍ुति ।

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  29. "हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की."
    केवल राम जी ये आदत तो अब लगता है आपने भी सीख ली है.अपना बना के दूर क्यों हो ?

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  30. केवल राम जी गज़ब कर दिया……………बहुत ही शानदार गज़ल लिखी है हर शेर खूबसूरत है।

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  31. बहुत भावुक और मस्त कर देने वाली कविता/गीत/ग़ज़ल... अति सुन्दर !

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  32. after a long i read such a nice GAJAL.
    maza aa gayaa ..

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  33. बहुत सुन्दर लगे.! बहुत - बहुत बधाई.

    भावुक ..धन्यवाद..

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  34. खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
    मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की
    .
    वाह केवल जी क्या बात है पुरानी यादों मैं पहुंचा दिया.
    वो भी क्या दिन हुआ करते थे

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  35. केवलजी....

    क्या खूब ग़ज़ल कही है आपने !!
    पूरे दिल से लिखी गई मोहब्बत भरी ग़ज़ल....
    लेकिन फिर भी....



    "कभी वो प्यार करते हैं ,

    कभी इज़हार करते हैं....

    मगर न जाने क्यूँ फिर

    शिकायत भी बार-बार करते हैं !! "

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  36. बहुत अच्छी लगी यह गजल |
    बधाई
    आशा

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  37. आपका मेरे ब्लॉग पर पदार्पण करने ओर हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ....
    आप के ब्लॉग पर आके मै तो दंग रह गया ज़नाब इतने उम्दा ओर अव्वल दर्जे का लिखते हो सिखने ओर समझने को तो हमें भी मिलेगा यहाँ से :

    खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
    मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की/-
    बहुत खुबसूरत शेर लिखे हैं ,,,बधाई कबूल कीजियेगा

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  38. बहुत खूब केवल भाई,

    दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

    जब ग़ज़ल उतरने लगे
    समझो इश्क आस पास है
    जब नज़्म चलने लगे
    समझो इश्क आस पास है.

    सलाम.

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  39. मैं पिछले कुछ महीनों से ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए लिखने का वक़्त नहीं मिला और आपके ब्लॉग पर नहीं आ सकी!
    बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने ! बेहतरीन प्रस्तुती!

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  40. priya ram ji
    naskar ,
    bas tabiyat ho gayi -----
    sundar abhivyakti ,shukhad anubhutiyon ke sath dil ki gaharayiyon ko chhuti huyi.
    shukrya .

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  41. 'चलते-चलते' यूँ ही कोई मिल गया था ..........इसीलिए विलम्ब से आना हुआ , जिसका मुझे खेद है ,बहरहाल -
    खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
    मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की........
    सुंदर प्रस्तुति हेतु आभार ......................

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  42. खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
    मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की

    केवल जी ... बहुत अच्छे भाव सॅंजो कर लाए है इस ग़ज़ल में .. शेर भी लाजवाब बन गये हैं ...
    मज़ा आया पढ़ कर ...

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  43. प्रिय केवल राम जी
    सस्नेह अभिवादन !

    नज़रें तुम पर … केवलराम ज़माने भर की ! हा हाऽऽ ह …

    भई कहते भी हैं न
    अच्छी सूरत भी क्या बुरी शै है
    जिसने डाली नज़र बुरी डाली


    अच्छा लिखा है बंधु !
    चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
    हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की


    यहां केवल के एक साथ दो दो अर्थ देने के कारण अलंकार की सहज उत्पत्ति हुई है …

    हार्दिक बधाई !

    मंगलकामनाएं !!

    ♥होली की अग्रिम शुभकामनाएं !!!♥


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  44. कायल भला कौन ना होगा तेरी अदाओं का
    आदत है ही जो तुम्हें मुस्कराने की
    वाह बेटा मुस्कान देख कर ही फिदा हो जाते हो? तभी तो रोना पडता है। अच्छी रचना। आशीर्वाद।

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  45. Kewal ji.Namaskar.
    Gazal sunane ka man jab bhi kare to likh daliye...
    hamein sun ne ki aadat hai...palkon se phool chun ne ki aadat hai.

    bahut achha .badhayi.

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  46. दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की.

    वाह क्या बात है ......
    बहुत सुन्दर ....
    पूरी ग़ज़ल उम्दा है !

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  47. दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँबस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

    बधाई ....
    इस याद की .....

    जैसे मर्जी याद करें .....):

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  48. achi hai -- itna sa anurosh hai bhavo ko shabdo mai piroye - na ki shabdo ko bhavo mai

    जवाब देंहटाएं
  49. वाह ! बेहतरीन ...बहुत खूब केवल भाई

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  50. केवज जी बहुत खूब।
    दिल को छू लेने वाली गजल
    बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
    बहुत देर से पहुँच पाया ..........माफी चाहता हूँ

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  51. केवल जी सिर्फ इतना ही कहूँगा... कि आनंद आ गया.....

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  52. हर शे‘र में आपका निराला अंदाज झलक रहा है
    ......बहुत खूबसूरत गज़ल ...शुक्रिया !

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  53. दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

    प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझाया
    हर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की
    bahut khoobsurat .

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  54. वाह ! केवल राम भाई आपका गजल कहने का अंदाज मुख़्तलिफ है । कितनी मासूमियत और सहजता से आप अपनी बात कह जाते है । बहुत प्यारी गजल है । आभार जी ।

    "दो पल ना रूके वो हमेँ मुदद्तोँ से इंतजार था.........गजल "

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  55. वाह वाह....
    क्या अदा है मोहब्बत जताने की...
    अब जरूरत क्या है आँखों या जुबान से बताने की...

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  56. चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
    हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.

    क्या बात है, क्या शेर गढे है आपने ने कि नीयत ही खराब हो जाये. प्रेम रस में सराबोर नज़्म. बेहतेरीन और बधाई.

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  57. 'दिल यादों का मंज़र है किस-किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तबियत हो गयी है , गज़लें सुनाने की |

    वाह भाई केवलराम जी , बहुत मस्त शेर

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  58. बेनामी15/3/11 9:15 pm

    khoobsorat, behad khoobsorat.

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  59. चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
    हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.

    प्रेम अभिव्यक्त हुआ सुन्दर ग़ज़ल के माध्यम से .

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  60. दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

    aapki yahi tbiyat hame raas aane waali hai janaab..
    hamei dher-si gazaleiN jo sun`ne ko
    mil paaeNgi...
    ek achhee rachnaa ke liye mubarakbaad

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  61. tum muskurate na ye baat hoti
    na milti nigahe ya halat ye hoti..
    kavi khubsurat na itne the sapne
    na ye chand jalta na ye raat hoti..
    mujhe khair kismat ne laya kaha pe
    na milte to kaise mulakat hotiiiiiiiiiii.....raam ji bhut khub likhte hai aap...good bless u...plz join me...

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  62. आपकी टिपण्णी और उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!

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  63. बहुत खूबसूरत गज़ल ...शुक्रिया !

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  64. अजी आप किस दुनिया में रहते है --

    हसीनो को आदत नही है रुलाने की
    उन्हें तो बेचेनी है आपका घर बसने की !

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  65. केवलराम जी आपको होली की शुभकामनायें ।
    कृपया इसी टिप्पणी के प्रोफ़ायल से मेरा ब्लाग
    सत्यकीखोज देखें ।

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  66. आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  67. bas yoo samajh aaee ki ek aag kaa darya se aur doob ke jaanaa se....

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  68. sundar rachna
    होली वही जो स्वाधीनता की आन बन जाये
    होली वही जो गणतंत्रता की शान बन जाये
    भरो पिचकारियों में पानी ऐसे तीन रंगों का
    जो कपड़ो पर गिरे तो हिंदुस्तान बन जाये
    होली की हार्दिक शुभकामनाये

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  69. बहुत ही प्यारी ग़जल लिखी है आपने। साधुवाद।

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  70. केवल जी,

    आपकी शोध के विषय में जानकर बड़ी खुशी हुई, आप जल्दी से ब्लॉग साहित्य के डॉक्टर बन जाये, गाहे-बगाहे रिफ्रेशर्स की जरूरत सभी को होगी।

    प्रस्तुत गज़ल की तारीफ में बस इतना ही कि......गुनगुना कर देखा बहुत भायी।

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

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  71. होली पर मैं आपको तथा परिवार के लिए मंगल कामनाएं करता हूँ !

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  72. रंगपर्व होली पर आपको व आपके परिवार को असीम शुभकामनायें......

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  73. उनका शरमा जाना ही क़यामत की निशानी है !
    बचे रहो,अभी तो बाक़ी ज़िन्दगानी है !

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  74. बहुत खूब

    होली की हार्दिक शुभकामनायें।
    http://rimjhim2010.blogspot.com/2011/03/blog-post_19.html

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  75. प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझायाहर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की
    चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगाहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
    .
    केवल जी , बहुत ही अच्छी प्रस्तुति.... होली की हार्दिक शुभकामनायें

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  76. रंगों के पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...

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  77. होली की शुभकामनायें।

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  78. अच्छी लगी आपकी गज़ल ,बधाई ....
    रंग-पर्व होली की आपको सपरिवार शुभकामनायें....

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  79. होली पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  80. आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  81. प्रिय केवलराम जी

    रंग भरा स्नेह भरा अभिवादन !

    लीजिए दुबारा आ गए हैं …

    आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई !


    ♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥

    होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
    मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  82. आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....

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  83. नेह और अपनेपन के
    इंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
    उमंग और उल्लास का गुलाल
    हमारे जीवनों मे उंडेल दे.

    आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर
    डोरोथी.

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  84. रंग के त्यौहार में
    सभी रंगों की हो भरमार
    ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
    यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।

    आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो। आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो व सपनों को साकार करें। आप जिस भी क्षेत्र में कदम बढ़ाएं, सफलता आपके कदम चूम......

    होली की खुब सारी शुभकामनाये........

    सुगना फाऊंडेशन-मेघ्लासिया जोधपुर,"एक्टिवे लाइफ"और"आज का आगरा" बलोग की ओर से होली की खुब सारी हार्दिक शुभकामनाएँ..

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  85. बहुत ही खूबसूरत गज़ल कही है आप ने केवल .

    शुक्रिया होली पर्व की शुभकामनाओं हेतु .

    आप को भी इस रंग पर्व की शुभकामनाएँ.

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  86. बहुत सुन्दर रचना !
    आपको होली की शुभकामनायें !

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  87. खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
    मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की
    .
    आज होली के दिन और भी मज़ा आया पढने का.

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  88. आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
    चेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की!
    badi aashiqaana gazal hai miyaan !
    bahot khoob 1 achha laga parh ke !

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  89. respected Ramji,aap really Ram hi hai,
    kitane achche vichar hai aapke......god bless u.

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  90. ....खूबसूरत गज़ल केवल जी

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  91. चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
    हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.

    ...........लाजवाब हम तो पढ़ के यूँ ही गुनगुनाये है !!!!

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  92. आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
    चेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की

    खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
    मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की

    दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
    बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की

    वाह ..सीधी दिल से निकली बात ......गजल बन कर .......आ गई ..........सच्चे भाव की इस खुबसुरत रचना के लिए आपको दिल से बधाई हो , केवल जी ..

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जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.