01 जून 2011

इन्तजार

जाने कब चाँद , मेरी छत पर आएगा
मुझ में है जो तड़प , उसे कब बुझाएगा
सुहानी रात तो ढल चुकी
 भोर का बावरा 
लालिमा लेकर
कहीं दूर पहाड़ की चोटी से
मुझे सन्देश दे रहा है
बस दो पल की है , यह रात ......!
तुम मत बदलना अपने जज्बात ...!
इन्तजार है , नहीं खैरात ...!

आंगन में घास
कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .

चाँद आएगा ....मुझे हंसायेगा
बस फिर ...बस फिर ...
एक अलौकिक  आनंद आएगा
दो दिलों के मिलन को बिछोड़ना
दुनिया का दस्तूर है
पर मुझ में भी प्यार भरपूर है
बस देख लूँ  एक झलक उसे तो
मेरे मन में , अलौकिक  आनंद  आयेगा
उसे पाकर मेरा रोम रोम खिल जाएगा .

जब तक रहेगी दिल में तडपन
जब तक रहेगी उसमें ठंडक
उसके आलिंगन में रहूँगा
उसे पाने के लिए सब कुछ सहूंगा


आजा मेरे मितवा

आजा मेरे प्रीतम
बस आग है , तड़प है
इन्तजार है ....!
एक अलौकिक  अहसास  बेशुमार है
पिया तुमसे मिलन को दिल बेकरार है
बस तुम्हारा इन्तजार है ....इन्तजार है .

57 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! आपकी लेखनी को सलाम! उम्दा प्रस्तुती!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://www।seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen।blogspot.com/

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  2. अद्भुत ...केवल....बहुत भावपूर्ण! आनन्द आ गया.

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  3. आंगन में घास
    कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
    हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
    बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .

    कोमल भाव, सुंदर मनभावन रचना ......

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  4. इंतज़ार के पल ऐसे ही लगते होंगे ..खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  5. आशा है इंताजर पूरा होगा |

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  6. बेहद खूबसूरत कविता....परिपक्व भी

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  7. बहुत ही खूबसूरत एहसास ... सुन्दर प्रस्तुति

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  8. वाह वाह …………आज तो इंतज़ार को मुकम्मल कर दिया।

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  9. आंगन में घास
    कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
    हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
    बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .

    सुन्दर कोमल अहसास...बहुत सुन्दर भावमयी रचना..

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  10. एक इन्तजार ही कितना कुछ दे जाता है।

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  11. ....अद्भुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
    एक और सुन्दर कविता आपकी कलम से !

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  12. आंगन में घास
    कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
    हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
    बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .

    बहुत सुंदर ..... कमाल की पंक्तियाँ हैं केवल जी

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  13. आजा मेरे मितवा
    आजा मेरे प्रीतम
    बस आग है , तड़प है
    इन्तजार है ....!
    बस तुम्हारा इन्तजार है ....इन्तजार है .

    केवल जी बहुत अच्छी भावनाएं हैं इन पंक्तियों में, दिल को छूती रचना..........

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  14. प्रतीक्षारत उत्साह बना रहता है

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  15. चाँद आएगा ....मुझे हंसायेगा
    बस फिर ...बस फिर ...
    एक अलौकिक आनंद आएगा
    दो दिलों के मिलन को बिछोड़ना
    दुनिया का दस्तूर है
    पर मुझ में भी प्यार भरपूर है
    बस देख लूँ एक झलक उसे तो
    मेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा
    उसे पाकर मेरा रोम रोम खिल जाएगा .
    behad umda rachana.....badhai

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  16. आंगन में घास
    कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
    हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
    बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ ....

    बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना........
    इन्तजार....... उस पर अलौकिक आनंद...... बहुत खूबसूरत से अहसास.. बेमिसाल.........

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  17. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति दी है आपने चाँद को लेकर!
    --
    वैसे हमने भी सिर घुटवा लिया है!
    दिन और रात दोनों में ही चाँद खूब चमक रहा है!
    --
    http://uchcharan.blogspot.com/2011/05/blog-post_3131.html

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  18. वाह बेहद खूबसूरत इंतज़ार है..बहुत ही भावपूर्ण .

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  19. बहुत सुंदर रोमांटिक रचना है ,यही उम्र है ऐसी रचनाओं के लिए ,बाद में समय नहीं मिलेगा |

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  20. इंतज़ार ढल गया शब्दों में ...
    भावपूर्ण !

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  21. इंतजार के अहसास को और भी मीठा बना दिया । बढ़िया ।

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  22. बेनामी1/6/11 5:56 pm

    bahut hi sundar
    thoda intejaar ka maja lijiye....

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  23. आयेगा आने वाला आयेगा चिंता न करें इंतजार का फ़ल मीठा होता है ।

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  24. प्यार में तड़प न हो तो प्यार कैसा. भावपूर्ण प्रस्तुति. आभार !

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  25. बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना| आभार|

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  26. एक अति सुंदर ओर लाजवाब प्रस्तुति!!

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  27. adhbut pyar aur uska intjar.. bhut hi acchi rachna...

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  28. जी तो चाहता है कि कह दूं कि यह इंतज़ार कभी खतम ही न हो!! वरना कहाँ से जन्म लेगा यह विरह गीत!!

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  29. बेहत खूबसूरत इंतज़ार ...

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  30. आदरणीय केवल रामजी,
    नमस्कार

    चाँद आएगा ....मुझे हंसायेगा
    बस फिर ...बस फिर ...
    एक अलौकिक आनंद आएगा
    दो दिलों के मिलन को बिछोड़ना
    दुनिया का दस्तूर है
    पर मुझ में भी प्यार भरपूर है
    बस देख लूँ एक झलक उसे तो
    मेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा
    उसे पाकर मेरा रोम रोम खिल जाएगा .
    सहज, सरल शब्दों के प्रयोग से सुंदर भावाभिव्यक्ति! बहुत अच्छी प्रस्तुति!

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  31. सुहानी रात तो ढल चुकी
    भोर का बावरा
    लालिमा लेकर
    कहीं दूर पहाड़ की चोटी से
    मुझे सन्देश दे रहा है
    बस दो पल की है , यह रात ......!
    तुम मत बदलना अपने जज्बात ...!

    किसी के आने की ख़ुशी..
    छुपाये नहीं छुपती..
    किसी न किसी तरह बयां हो ही जाती है !!

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  32. कहने को बहुत कुछ है
    मगर कैसे कहें हम
    अल्फाज़ न दे साथ तो
    बेहतर है कि....
    चुप ही रहें हम...!!

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  33. आदरणीय ,भैया जी सप्रेम साहित्याभिवादन ..
    बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति ...हार्दिक बधाई ...
    सादर
    लक्ष्मी नारायण लहरे

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  34. बहुत ही खूबसूरत !
    मेरी नयी पोस्ट पर भी आपका स्वागत है : Blind Devotion - अज्ञान

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  35. बस देख लूँ एक झलक उसे तो
    मेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा

    बहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति...

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  36. प्यार के तड़प को आपने बखुबी अपने शब्दों में ढाला है। खुबसुरत कविता।

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  37. आंगन में घास
    कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
    हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
    बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .

    बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...सुन्दर अभिव्यक्ति...

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  38. बना रहे यह एहसास.

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  39. sei un bel poeta, pieno di sentimenti che sembrano passati dall'Italia. Con la Milano da bere e la Roma da ritrovare e da vedere rinascere e rifiorire. Due cuori da riunire quando la luna tornerà sulla tua casa.
    Ciao

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  40. आंगन में घास
    कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
    हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
    बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
    sunder bhav uttam kavita
    badhai
    rachana

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  41. अलौकिक अहसास से भरपूर आपकी कविता के लिए आभार.
    आप ने दिल के भावों को बहुत खूबसूरती से व्यक्त किया है.
    इंतज़ार कई बार मिलन से ज़्यादा खूबसूरत होता है.
    "जो मज़ा इंतज़ार में है,वो वसले यार में कहाँ."
    पर जब इंतज़ार उस मालिक दो जहां का होता है
    तो और भी खूबसूरत हो जाता है.मिलन जब होगा तो उस हालत का बयां नहीं सकती है कलम.
    वो तो सिर्फ महसूस करने की बात है.
    आप को यह इंतज़ार मुबारक.
    भक्ति को नयी राह दिखा रहे आप.
    तहे दिल से शुक्रिया.

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  42. बहुत ही सुंदर कहा है आपने - बस आग है , तड़प है, इन्तजार है ....!
    मे सोच रहा था कि कब आपका मोन व्रत टूटेगा, वो टूटा तो पाया
    पिया मिलन को दिल बेकरार है, इंतज़ार है.
    इक लम्बे इंतज़ार के बाद क्या कयामत ढाई है.

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  43. गम की अंधेरी रात में दिल को न बेकरार कर....

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  44. kewal ji
    bahut hi bheegi-bheegi jajbaato se sarabor hai aapki rachna .aur unhe shandaar tareeke abhivykt bhi kiya hai aapne
    bahut bahut bahut badhai
    poonam

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  45. इंतज़ार में आनंद है ! शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  46. जाने कब चाँद , मेरी छत पर आएगा
    मुझ में है जो तड़प , उसे कब बुझाएगा.

    कोमल भाव, सुंदर मनभावन रचना. बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  47. सुंदर रचना

    गहरे भाव
    सच में केवल जी आपकी रचनाओं में गजब की कशिश है

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  48. बेनामी6/6/11 10:32 am

    बहुत सुन्दर ...

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  49. Kuch naya nahi likha aapne ?
    मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : Blind Devotion - स्त्री अज्ञानी ?

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  50. इंतज़ार के खूबसूरत क्षण ..........

    सुन्दर भावाभिव्यक्ति..........

    प्रेम रस में डूबी ....विरह वेदना ढोती......सुन्दर रचना

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  51. हमारे आँगन चाँद नहीं आता है,इसलिए जाने का डर नहीं होता,
    खुले आसमां के दीदार भी नहीं होते,इस लिहाज से सपने भी नहीं देखता हूँ !


    आप फिर भी सौभाग्यशाली हैं !

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  52. बेनामी6/6/11 8:02 pm

    इन्तजार के पलों और म्रदु अहसासों को बहुत खूबसूरती से चित्रित किया है

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  53. प्यार हो
    और इंतजार ना हो :
    तो प्यार किस काम का "
    खुव सुरती के सामने :खूवसुरत गजल ना हो तो :
    केवल राम किस कामका :

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  54. तुम मत बदलना अपने जज्बात ...!
    इन्तजार है , नहीं खैरात ...!
    laazwaab

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  55. यह कैसा इंतजार है केवल जी
    आपका तो बुरा हाल है केवल जी
    आपका प्यार भरपूर है
    तो उसके हुस्न का भी तो अपना नूर है,
    यह आग,यह तडफ,यह बेकरारी
    इंतजार कीजिये,आएगी आपकी भी बारी.

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जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.