tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post5965235823106237813..comments2023-10-20T13:42:57.703+05:30Comments on चलते -चलते...!: मेरे तो गिरधर गोपाल केवल रामhttp://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-89741859947277994712011-11-21T20:05:06.985+05:302011-11-21T20:05:06.985+05:30जीवन दर्शन से ओतप्रोत विचार .....सच में गिरधर गोपा...जीवन दर्शन से ओतप्रोत विचार .....सच में गिरधर गोपाल .....!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-22938848038952112302011-07-13T20:27:47.036+05:302011-07-13T20:27:47.036+05:30अक्षर क्या?शब्द कौन ? ध्वनि ???कुछ न जाना न जानना ...अक्षर क्या?शब्द कौन ? ध्वनि ???कुछ न जाना न जानना चाहा.आलेख की अंतिम पंक्ति युगों पहले मेरा जीवन बन गई.उससे आगे सोचने की जरूरत ही नही पड़ी मेरे नन्हे कृष्ण! तुम्हारा लेखन विद्वानों की बातें.....पर जैसे मेरे मन में अंकित हर भाव को शब्द,अक्षर ध्वनि दे दी है तुमने. जियो कृष्णा!<br />तुम्हारी<br />इंदु बुआ इंदु पुरीPinkeyhttps://www.blogger.com/profile/04665103749634166680noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-45675405727335174662011-07-06T11:16:25.717+05:302011-07-06T11:16:25.717+05:30जब यह पूरी कायनात खुदा की है तो हमारा सम्बन्ध सिर्...जब यह पूरी कायनात खुदा की है तो हमारा सम्बन्ध सिर्फ और सिर्फ इस खुदा से है हम आत्मा हैं और यह परमात्मा लेकिन किसी भी सूरत में हमारा बजूद इससे अलग नहीं किसी भी हालत में हम इससे जुदा नहीं .<br />बन्धु केवल राम जी <br />तव मायाबस परेउँ भुलाना | ताते मैं नहि प्रभु पहचाना !!<br />ये बात कहने में जितनी सरल है जीवन में उतरने में उतनी ही कठिन भाई...<br />आपको साधुवाद कि आप ऐसे विषय उठाते हैं और हम लोगों को निरंतर राह दिखाने कि कोशिश करते हैं.आनंदhttps://www.blogger.com/profile/06563691497895539693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-12445957092350191512011-07-01T00:13:32.576+05:302011-07-01T00:13:32.576+05:30आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नया संभावनाओं भरा खुला...आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नया संभावनाओं भरा खुला आकाश पैदा करें...<br />जीवन का उद्देश्य यही होना चाहिए !<br />सार्थक जीवन दर्शन !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-16028410335313620522011-06-30T23:59:06.799+05:302011-06-30T23:59:06.799+05:30समय के साथ साथ चाहतें भी बदलती रहती हैं.एक समय जो...समय के साथ साथ चाहतें भी बदलती रहती हैं.एक समय जो चाहत बहुत अच्छी लगती थी,दूसरे समय पर वह निरर्थक लगने लगती है.ऐसा ज्ञान और अनुभव से होता है.यदि सद् ज्ञान हो तो जीव परमात्मा की तरफ उन्मुख होता है.ज्यूँ ज्यूँ परमात्म ज्ञान विकसित होता है,परमात्मा को पाने की चाहत भी होने लगती है.परमात्मा की चाहत में फिर अन्य सभी चाहतें समाने लगती हैं और अंतत परमात्मा की चाहत रह जाती है जो जीव को परमात्मा से मिला देती है.<br />बहुत सुन्दर लेख लिखा है आपने केवल भाई.<br />बहुत बहुत आभार.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-59935435099300953422011-06-30T10:53:03.734+05:302011-06-30T10:53:03.734+05:30Bahut hi bhawpoorn lekh hai bhaiya..
badhai swika...Bahut hi bhawpoorn lekh hai bhaiya..<br /><br />badhai swikare...<br /><br />waqt mile to hamari dusari gazal padhe... ap dwara batai gai kamiyo se me apne ap ko sudhar pata hun....!<br /><br />AbharRavi Rajbharhttps://www.blogger.com/profile/16224660000339492496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-469857192776128332011-06-29T21:40:56.847+05:302011-06-29T21:40:56.847+05:30केवल राम जी,एक गंभीर विषय पर गहन चिंतन पूरे मन से ...केवल राम जी,एक गंभीर विषय पर गहन चिंतन पूरे मन से लिखा है .सभी की प्रकृति अलग-अलग होती है.अत: सभी की सोच और विचारों में अंतर तो रहेगा ही.जीवन के झंझावत में कुछ क्षण ऐसे भी आते हैं जब मनुष्य ईश्वर को निकट महसूस करता है .परिस्थिति सामान्य होने पर फिर सांसारिक होकर अपने ढर्रे पर चल पड़ता है.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-54613433675145148692011-06-29T20:04:43.929+05:302011-06-29T20:04:43.929+05:30बहुत ही बढ़िया लिखा है ! शुक्रिया !
मेरी नयी पोस्...बहुत ही बढ़िया लिखा है ! शुक्रिया !<br /><br />मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : <a href="http://blinddevotion.blogspot.com/2011/06/complete-love.html" rel="nofollow" title="Blind Devotion Blog - Love, Affection and Admiration for Someone">Blind Devotion - सम्पूर्ण प्रेम...(Complete Love) </a>Sachin Malhotrahttps://www.blogger.com/profile/03009133788693822541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-36809777486762497472011-06-29T15:17:55.924+05:302011-06-29T15:17:55.924+05:30बहुत बढिया। लेकिन
कलयुग में अब ना आना रे मेरे प्य...बहुत बढिया। लेकिन<br /><br />कलयुग में अब ना आना रे मेरे प्यारे कृष्ण कन्हैया..महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-10908979138284899172011-06-29T10:25:54.727+05:302011-06-29T10:25:54.727+05:30सुंदर भावाभिव्यक्तिसुंदर भावाभिव्यक्तिamrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-79955070200788234242011-06-25T13:38:41.908+05:302011-06-25T13:38:41.908+05:30इस मोह-माया के बंधन को कौन समझ पाया है॥इस मोह-माया के बंधन को कौन समझ पाया है॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-42037493105768544062011-06-25T13:08:22.036+05:302011-06-25T13:08:22.036+05:30केवल राम जी
अध्यात्मिक सुन्दर सुन्दर लेख
बधाई स्वी...केवल राम जी<br />अध्यात्मिक सुन्दर सुन्दर लेख<br />बधाई स्वीकारेंPushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-84477907073456943092011-06-24T16:59:50.562+05:302011-06-24T16:59:50.562+05:30जीवन का असली फ़लसफ़ा जितनी जल्दी समझ में आ जाये,जी...जीवन का असली फ़लसफ़ा जितनी जल्दी समझ में आ जाये,जीवन सुखमय हो जायेगा !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-84614045941188979522011-06-24T13:38:49.602+05:302011-06-24T13:38:49.602+05:30वाह .. कौन अपना और कौन पराया ... पर फिर भी सब खये ...वाह .. कौन अपना और कौन पराया ... पर फिर भी सब खये रहते हैं इस माया जाल में ... आध्यात्मिक स्तर पर लिखा लाजवाब लेख केवल जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-6054214745051484612011-06-24T09:51:49.909+05:302011-06-24T09:51:49.909+05:30सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ बहुत ही बढ़िया, प्...सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ बहुत ही बढ़िया, प्रेरक और शानदार आलेख ! उम्दा प्रस्तुती!<br />मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-<br />http://seawave-babli.blogspot.com/Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-892982613039689022011-06-24T07:09:35.671+05:302011-06-24T07:09:35.671+05:30गहन आलेख के लिये ..आभारगहन आलेख के लिये ..आभारAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-10301139989905006582011-06-24T01:22:54.337+05:302011-06-24T01:22:54.337+05:30सुंदर पावन विचार लिए आध्यात्मिक आलेख ......सुंदर पावन विचार लिए आध्यात्मिक आलेख ...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-27460462403693050602011-06-24T00:11:20.008+05:302011-06-24T00:11:20.008+05:30अगर हम खुद को आत्मा समझते हैं तो सारे भ्रम मिट जाय...अगर हम खुद को आत्मा समझते हैं तो सारे भ्रम मिट जायेंगे फिर ना तो हमारी कोई जाति है ना हमारा कोई धर्म , न हमारा कोई पंथ है न कोई समाज , न कोई देश है न कोई सरहद , ना कोई आमिर है ना कोई गरीब , ना कोई उच्च है ना कोई नीच बस सब कुछ परमात्मा है .<br /><br />यह सब तो सच कहा आपने लेकिन ऐसा हो पाता है क्या? कहीं ना कहीं हम सब भटक ही जाते है सच्चाई को जानते हुए भी.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-45800506543720647042011-06-23T23:19:58.484+05:302011-06-23T23:19:58.484+05:30"अगर हम खुद को आत्मा समझते हैं तो सारे भ्रम म..."अगर हम खुद को आत्मा समझते हैं तो सारे भ्रम मिट जायेंगे फिर ना तो हमारी कोई जाति है ना हमारा कोई धर्म , न हमारा कोई पंथ है न कोई समाज , न कोई देश है न कोई सरहद , ना कोई आमिर है ना कोई गरीब , ना कोई......... "<br /><br />गंभीर आध्यात्मिक विचार... एक सुन्दर से संसार की कल्पना....... काश ऐसा ही हो.....संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-750091625871927182011-06-23T22:07:32.592+05:302011-06-23T22:07:32.592+05:30अंत में समानता व एकरूपता है।अंत में समानता व एकरूपता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-52660579630909045032011-06-23T21:54:38.656+05:302011-06-23T21:54:38.656+05:30prerak evm sunder prastuti hetu abhaar vyakt krta ...prerak evm sunder prastuti hetu abhaar vyakt krta hun.....पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-75394067098316303782011-06-23T20:43:14.932+05:302011-06-23T20:43:14.932+05:30एक अनंत यात्रा है यह.. पुराने समय में जब लोग घोड़े...एक अनंत यात्रा है यह.. पुराने समय में जब लोग घोड़े पर लम्बी यात्रा करते थे तो बीच में थके घोड़ों को छोड़कर, ताज़ा घोड़े लेकर आगे बढ जाते थे.. इसलिये सब पड़ाव है!!<br />राहुल सिंह जी की बात विचारणीय है.. फरमाने के अलावा भी आगे ऐसे प्रयोग हैं जिनका ध्यान रखें! वैसे लम्बे समय बाद आपको पढा, और कविताओं से हटकर आलेख, बहुत सुखद अनुभव रहा!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-490579855929087802011-06-23T19:41:48.496+05:302011-06-23T19:41:48.496+05:30सत्य है सत्य है सत्य है सत्य है मगर कोई इसे मानना ...सत्य है सत्य है सत्य है सत्य है मगर कोई इसे मानना नही चाहता।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-62393469352822302122011-06-23T19:31:49.893+05:302011-06-23T19:31:49.893+05:30@ आदरणीय राहुल सिंह जी
@ आदरणीय शिखा जी
@ आदरणीय...@ आदरणीय राहुल सिंह जी <br />@ आदरणीय शिखा जी <br />@ आदरणीय अरुण चन्द्र रॉय जी <br />गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ....आशा है आप सबका मार्गदर्शन मुझे यूँ ही मिलता रहेगा .....!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-14889083103726456132011-06-23T19:21:14.396+05:302011-06-23T19:21:14.396+05:30सुन्दर और बेहतरीन लेख.
बहुत ही अच्छा लिखा हैसुन्दर और बेहतरीन लेख.<br />बहुत ही अच्छा लिखा हैSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.com