tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post5048054299387334883..comments2023-10-20T13:42:57.703+05:30Comments on चलते -चलते...!: दीवारें नहीं, पुल चाहिए...2केवल रामhttp://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-23049220571279091292012-05-02T08:15:22.827+05:302012-05-02T08:15:22.827+05:30केवल इतना ही कहना है कि ...आपसे पूरी सहमती..केवल इतना ही कहना है कि ...आपसे पूरी सहमती..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-72712046798249348522012-04-26T07:41:52.697+05:302012-04-26T07:41:52.697+05:30विविधता के सौन्दर्य और शक्ति दोनों को पहचानना होगा...विविधता के सौन्दर्य और शक्ति दोनों को पहचानना होगा, मतांतर का आदर करना सीखना होगा। कठिन है पर सम्भव तो नहीं।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-24444550432179365442012-04-25T19:27:36.396+05:302012-04-25T19:27:36.396+05:30केवल राम जी आपका भी जबाब नहीं.
सुन्दर,सार्थक ,विचा...केवल राम जी आपका भी जबाब नहीं.<br />सुन्दर,सार्थक ,विचारणीय प्रस्तुति.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-28526758039451172232012-04-18T11:32:55.712+05:302012-04-18T11:32:55.712+05:30सार्थकता लिए हुए सटीक प्रस्तुति।सार्थकता लिए हुए सटीक प्रस्तुति।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-86294472922698667982012-04-18T02:09:22.651+05:302012-04-18T02:09:22.651+05:30विचारणीय आलेख ....आपकी बातों से पूरी सहमती.....विचारणीय आलेख ....आपकी बातों से पूरी सहमती..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-91009398556488924322012-04-17T21:50:21.255+05:302012-04-17T21:50:21.255+05:30बहुत सी दीवारें गिरायी हैं हमने लेकिन लगता है अभी ...बहुत सी दीवारें गिरायी हैं हमने लेकिन लगता है अभी भी कैद हैं।:(<br />..सुंदर आलेख।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-15720456851499657312012-04-16T23:04:58.576+05:302012-04-16T23:04:58.576+05:30बेहद उम्दा सोच दर्शाती पोस्ट
इस पोस्ट के लिए आप...बेहद उम्दा सोच दर्शाती पोस्ट <br /><br /><br /><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/04/blog-post_16.html" rel="nofollow">इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - चुनिन्दा पोस्टें है जनाब ... दावा है बदहजमी के शिकार नहीं होंगे आप - ब्लॉग बुलेटिन <br /></a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-6612203326485131072012-04-16T20:31:45.913+05:302012-04-16T20:31:45.913+05:30कितने रंग बिरंगे फूल लगे हैं, उन्हें जोड़ने की आवश...कितने रंग बिरंगे फूल लगे हैं, उन्हें जोड़ने की आवश्यकता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-5538211340633363722012-04-16T19:34:58.893+05:302012-04-16T19:34:58.893+05:30बड़ी मेहनत से चिंतन मनन के बाद लिखने बैठते हैं आप....बड़ी मेहनत से चिंतन मनन के बाद लिखने बैठते हैं आप.जाहिर है विश्लेषण सटीक होता है.दीवारों को गिरना तो है पर उसे गिराने की नीयत तो हो.<br />सार्थक लेखन.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-44940708108256353472012-04-16T19:01:44.689+05:302012-04-16T19:01:44.689+05:30हम हैं की आँखें मूंदें आगे बढ़ रहे हैं
...ये दुनिया...हम हैं की आँखें मूंदें आगे बढ़ रहे हैं<br />...ये दुनिया भेद चाल हो गई है हम भी बिना सोचे समझे चल पड़ते है<br />पर आज हमे सोचने समझने की ज़रूरत है<br />आप से सहमत हूँ अगर हम दिवारो गिरा देंगे तो समाधान हमें खुद -ब -खुद ही मिल जायेंगे ...सुंदर विष्लेषण केवल जीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com