tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post7185467689222210385..comments2023-10-20T13:42:57.703+05:30Comments on चलते -चलते...!: दीवारें नहीं, पुल चाहिए .. 1केवल रामhttp://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-3291803355562531682012-04-27T06:54:01.386+05:302012-04-27T06:54:01.386+05:30नफरत की खाईंयां इंसानों को एक दूसरे से दूर करती है...नफरत की खाईंयां इंसानों को एक दूसरे से दूर करती है , जोड़े रखने के लिए पुल ही ज़रूरी है .. <br />सही है!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-22643770644896575802012-04-12T08:33:11.833+05:302012-04-12T08:33:11.833+05:30बिलकुल सामयिक लिखा है आपने आज देश जाति पाति की गहर...बिलकुल सामयिक लिखा है आपने आज देश जाति पाति की गहरी खाइयों में उलझ गया है ......अब देखिये ना मायावती जी अरबों रूपये सिर्फ हाथी लगवाने में खर्च कर दिए ....विकास की स्थिति नाजुक है | कमोवेश हर नेता किसी जाति का प्रतीक चुनता है और वोट के लिए अरबों रुपये बर्बाद कर देता है .....विकास की बात अब लोग मुद्दा ही नहीं बनाते हैं | अच्छे पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई केवल जी |Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-29703393693200576672012-04-11T18:33:41.288+05:302012-04-11T18:33:41.288+05:30केवल जी , आज सभी इतने हलके हो गये हैं कि हर चीज़ क...केवल जी , आज सभी इतने हलके हो गये हैं कि हर चीज़ को मज़ाक का विषय बना दिए हैं . चाहे वह आपसी सम्बन्ध हो , धर्म हो या सर्वजन हिताय की कोई बात ही . एक तरफ तो पुल का निर्माण करते दिखाते हैं दूसरी तरफ उसका पाया ही उखाड़ने में लगे रहते हैं . ऐसे समय में आपकी इतनी सुन्दर ,सार्थक चिंतन अपने ही अन्दर झांकने को प्रेरित करती है. ताकि हम कम से कम अपनी उन मूल्यों की रक्षा कर सके जो हमारा अस्तित्व है . एक बार फिर से आपको शुभकामनाएं इस आलेख के लिए .Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-70413222015851065462012-04-11T18:26:07.851+05:302012-04-11T18:26:07.851+05:30बहुत खूब...बहुत सुंदर एवं सार्थक अभिव्यक्ति
आपकी ...बहुत खूब...बहुत सुंदर एवं सार्थक अभिव्यक्ति <br />आपकी हर पोस्ट ने बहुत प्रभावित कि है <br />आदर.श्री केवल भाई <br />आभार आपकाSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-52944257676562608732012-04-11T15:54:29.569+05:302012-04-11T15:54:29.569+05:30मैं एक बात से हतप्रभ हूँ कि कभी राजनीति को दिशा धर...मैं एक बात से हतप्रभ हूँ कि कभी राजनीति को दिशा धर्म देता था . लेकिन आज जितने भी धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति हैं . वह सब इन राजनीति के लोगों को पीछे घूमते रहते हैं . सबके अपने - अपने स्वार्थ हैं और ऐसी हालत में आम व्यक्ति पिसता जा रहा है उसका जीना दूभर हो गया है . <br />प्रिय केवल राम जी एक और सुन्दर लेख आप का ..काश लोग स्वार्थ से परे हट कर देश और समाज की भी बातें सोचना शुरू करें .....जय श्री राधे <br />भ्रमर ५<br />भ्रमर का दर्द और दर्पण <br />प्रतापगढ़Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-41671367105191162912012-04-11T12:49:11.451+05:302012-04-11T12:49:11.451+05:30इश्वर ने मानव को एक बहुत ही बड़ी नेमत दी ,वह है ...इश्वर ने मानव को एक बहुत ही बड़ी नेमत दी ,वह है दिमाग ..अगर वह चाहे तो उसे पुल बनाने के काम ला सकता है ...या फिर दीवार जैसी जिसकी नियत हो ....हाँ अगर दीवारों की बनिस्बत पुल ज्यादा बनें ...तो दीवारों की ज़रुरत ही न हो .....सार्थक लेख .....Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-2512305914033056592012-04-11T08:36:09.382+05:302012-04-11T08:36:09.382+05:30पुल आवश्यक हैं , सुखद हैं !
शुभकामनायें आपको !पुल आवश्यक हैं , सुखद हैं !<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-40043008737332173122012-04-10T20:24:04.989+05:302012-04-10T20:24:04.989+05:30bahut achcha aalekh, visleshan pasand aayabahut achcha aalekh, visleshan pasand aayaDr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-41768361719491178742012-04-10T15:21:25.210+05:302012-04-10T15:21:25.210+05:30जोड़ने का सेतु हमें हर कदम पर चाहिए।जोड़ने का सेतु हमें हर कदम पर चाहिए।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-401300753450561682012-04-10T13:54:12.977+05:302012-04-10T13:54:12.977+05:30एक पुल हो प्यार का................
जिस पर से होकर ...एक पुल हो प्यार का................<br />जिस पर से होकर मैं पहुंचु तुम तक....<br />तुम्हारे दिल तक....<br /><br /><br />बहुत सुंदर एवं सार्थक अभिव्यक्ति...<br /><br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-85173598193036590902012-04-10T10:31:43.137+05:302012-04-10T10:31:43.137+05:30jodne ka kam to pul hi karti hai ...very nice...jodne ka kam to pul hi karti hai ...very nice...Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-52827984923659353612012-04-10T07:27:53.079+05:302012-04-10T07:27:53.079+05:30सुंदर विष्लेषण. सुंदर आलेख.सुंदर विष्लेषण. सुंदर आलेख.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-74005552673818256082012-04-09T16:34:18.657+05:302012-04-09T16:34:18.657+05:30दीवारे और पुल दोनों की मानव सभ्यता के विकास में मह...दीवारे और पुल दोनों की मानव सभ्यता के विकास में महत्व पूर्ण भूमिका है परन्तु समय के साथ उसके जीवन जीने के तौर तरीकों में अंतर ला दिया है <br />केवल जी ...आप की सोच और जज़्बे को सलाम और आपकी पोस्ट सार्थक और विचारणीय है.....!!!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-79862214548904926402012-04-09T15:53:03.978+05:302012-04-09T15:53:03.978+05:30यह सत्य वचन है कि अब धर्म को भी राजनीति नियंत्रित ...यह सत्य वचन है कि अब धर्म को भी राजनीति नियंत्रित करती है.. बहुत बड़ी विडम्बना और शोचनीय पहलू है..<br />और कलयुग के प्रमाण भी यही हैं.. अब यह बदलेगा नहीं.. धरती के अंत पर ही यह ख़त्म होगा..Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-19766348896512690302012-04-09T15:45:18.653+05:302012-04-09T15:45:18.653+05:30बहुत ही सार्थकता है इस आलेख में ... सटीक लेखन के ल...बहुत ही सार्थकता है इस आलेख में ... सटीक लेखन के लिए आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-7571404279047096782012-04-09T12:44:12.669+05:302012-04-09T12:44:12.669+05:30मानव सभ्यता के विकास में दीवारों और पुलों की बहुत ...मानव सभ्यता के विकास में दीवारों और पुलों की बहुत महती भूमिका है . उसने अपने आश्रय के लिए दीवारों का निर्माण किया और खुद को सुरक्षित महसूस किया , और पुलों का निर्माण कर उसने एक सीमा से दूसरी सीमा में प्रवेश किया .<br /><br />सार्थक!!!<br /><br />कहीं पर मानव ने अपनी बुद्धि के बल पर सभी प्राणियों के विषय में सोचा तो कहीं वह इतना स्वार्थी हो गया कि उसे अपने हित के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आया, कहीं वह अपने शरीर को दावं पर लगाकर प्राणी मात्र की रक्षा हेतु आगे बढ़ा तो, कहीं उसने अपनी एक इच्छा पूर्ति के लिए कई प्राणियों की जान ले ली .<br /><br />सत्य वचन!!<br /><br />दीवारें और पुल <br /><br />दीवारें हो तो बांध या पाल समान जो स्वच्छ जलराशी में गंदे जल को मिलने से रोके।<br /><br />पुल हो तो संवेदनाओ जैसा जो सभी से करूणा सेतू जोडे।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-81404151852756455102012-04-09T12:28:06.542+05:302012-04-09T12:28:06.542+05:30बहुत बढिया प्रस्तुति।
दीवारें बाटती हैं, पुल जोड़त...बहुत बढिया प्रस्तुति।<br />दीवारें बाटती हैं, पुल जोड़ते हैंRajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-90562508748903376532012-04-09T12:24:24.678+05:302012-04-09T12:24:24.678+05:30सार्थक लेख...
सशक्त प्रस्तुति....सार्थक लेख...<br />सशक्त प्रस्तुति....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-17598302880471124162012-04-09T12:16:16.343+05:302012-04-09T12:16:16.343+05:30केवल राम जी!
एक बहुत ही संवेदनशील और ज्वलंत मुद्दा...केवल राम जी!<br />एक बहुत ही संवेदनशील और ज्वलंत मुद्दा उठाया है आपने.. और जिस प्रकार आपने विषय का ट्रीटमेंटट (क्षमा चाहता हूँ अंग्रेज़ी शब्द के प्रयोग के लिए, किन्तु यही शब्द सूझा मुझे) किया है वो प्रशंसनीय है..!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-26171901812870634552012-04-09T11:06:36.368+05:302012-04-09T11:06:36.368+05:30बहुत खूब ,मगर उन गुरुओं के ग्रुप में झांके तो वह भ...बहुत खूब ,मगर उन गुरुओं के ग्रुप में झांके तो वह भी राजनीती का ही दूसरा रूप है ,फर्क है तो बस क्षेत्र का ,Manoj Sharmahttp://www.pitashivkripa.orgnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-4593899548599513442012-04-09T10:36:32.406+05:302012-04-09T10:36:32.406+05:30एक ही परिवार के विभिन्न सदस्य कई गुरुओं के भक्त बन...एक ही परिवार के विभिन्न सदस्य कई गुरुओं के भक्त बनकर अपने परिवार में ही वैचारिक भेद पैदा कर रहे हैं . इससे बड़ी और धर्म की क्या दुर्गति हो सकती है ?? ..........सार्थक विश्लेषण किया है।पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-12098711656717545522012-04-09T00:19:53.186+05:302012-04-09T00:19:53.186+05:30कभी राजनीति को दिशा धर्म देता था . लेकिन आज जितने ...कभी राजनीति को दिशा धर्म देता था . लेकिन आज जितने भी धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति हैं . वह सब इन राजनीति के लोगों को पीछे घूमते रहते हैं <br />राजनीति की दशा बिगड़ने के पीछे यह एक बड़ा कारन है...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-2164845667137404332012-04-08T22:40:48.032+05:302012-04-08T22:40:48.032+05:30in the conclusion .. we reach at this point .. tha...in the conclusion .. we reach at this point .. that .. not only road , but bridge are also useful and important tools for growing humanity ../<br />... pilitical leadres are .. not making bridges among thier voters..so they ... not get honour in our society ../ <br />come to my blog kewal jee ...babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-29869687998971718022012-04-08T22:13:58.334+05:302012-04-08T22:13:58.334+05:30सच है .....आपस में जुड़कर ही जीवन बनता है ...... स...सच है .....आपस में जुड़कर ही जीवन बनता है ...... सुंदर चिंतन डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-54359988466651333102012-04-08T22:00:33.307+05:302012-04-08T22:00:33.307+05:30सही बात है, विश्व के सभी प्राणियों को बनाने वाला ख...सही बात है, विश्व के सभी प्राणियों को बनाने वाला खुदा भी अब जुदा हो गया है. दिलों के बीच दीवारें बन गयी हैं. इन्हें जोड़ने के लिए आज दीवारों की नहीं पुलों की आवश्यकता है... सार्थक विश्लेषणयुक्त लेख...संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.com