tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post695072094653457686..comments2023-10-20T13:42:57.703+05:30Comments on चलते -चलते...!: चलो मयखाने मेंकेवल रामhttp://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comBlogger52125tag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-2550837890519659592011-04-26T11:29:29.758+05:302011-04-26T11:29:29.758+05:30सिर्फ़ केवल राम के लिए
जाने वो क्या मजा है पीने पी...सिर्फ़ केवल राम के लिए<br /><br />जाने वो क्या मजा है पीने पीलाने में<br />जो एक बार हो आया हो मयखाने में। <br /><br />वाईज औ पंडित गले मिलते देखे हमने <br />दीवानों की महफ़िल जमती मयखाने में<br /><br />ईश्क हकीकी का मजा मिजाजी न जाने<br />मयकशी ने ये पैगाम दिया मयखाने में<br /><br />रफ़ीक भी रकीब जैसे मिलते जहा्न में<br />रकीब भी रफ़ीक हो गए हैं मयखाने में<br /><br />"ललित" दीवानगी ले आती रोज यहाँ<br />वरना क्युं आता सरे आम मयखाने में<br /><br />शुभकामनाएं<br />मयखाने आएंब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-84467487012049671742011-04-26T11:26:23.925+05:302011-04-26T11:26:23.925+05:30सिर्फ़ केवल के गरमा गरम सीधे कड़ाही से :)
जाने वो क...सिर्फ़ केवल के गरमा गरम सीधे कड़ाही से :)<br /><br />जाने वो क्या मजा है पीने पीलाने में<br />जो एक बार हो आया हो मयखाने में। <br /><br />वाईज औ पंडित गले मिलते देखे हमने <br />दीवानों की महफ़िल जमती मयखाने में<br /><br />ईश्क हकीकी का मजा मिजाजी न जाने<br />मयकशी ने ये पैगाम दिया मयखाने में<br /><br />रफ़ीक भी रकीब जैसे मिलते जहा्न में<br />रकीब भी रफ़ीक हो गए हैं मयखाने में<br /><br />"ललित" दीवानगी ले आती रोज यहाँ<br />वरना क्युं आता सरे आम मयखाने में<br /><br />शुभकामनाएं<br />मयखाने आएंब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-22197335598820953022011-04-26T11:24:43.173+05:302011-04-26T11:24:43.173+05:30जाने वो क्या मजा है पीने पीलाने में
जो एक बार हो आ...जाने वो क्या मजा है पीने पीलाने में<br />जो एक बार हो आया हो मयखाने में। <br /><br />वाईज औ पंडित गले मिलते देखे हमने <br />दीवानों की महफ़िल जमती मयखाने में<br /><br />ईश्क हकीकी का मजा मिजाजी न जाने<br />मयकशी ने ये पैगाम दिया मयखाने में<br /><br />रफ़ीक भी रकीब जैसे मिलते जहा्न में<br />रकीब भी रफ़ीक हो गए हैं मयखाने में<br /><br />"ललित" दीवानगी ले आती रोज यहाँ<br />वरना क्युं आता सरे आम मयखाने मेंब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-91314657912213581482010-12-21T13:22:53.671+05:302010-12-21T13:22:53.671+05:30मयखाने के ज़रिये आपने समभाव की बातें की है ... अच्छ...मयखाने के ज़रिये आपने समभाव की बातें की है ... अच्छा लगा !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-48886167821226736572010-12-19T01:29:38.192+05:302010-12-19T01:29:38.192+05:30अब अकेले न चले जाना। कब चल रहे हो जल्दी बताना। सीन...अब अकेले न चले जाना। कब चल रहे हो जल्दी बताना। सीनियर बच्चन के समय तो पैदा होने में देर हो गई थी। अबकी बार रुकेंगे नहीं। मस्त हो लेंगे मस्त मलंग.....Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-88943648114115611342010-12-18T17:23:41.092+05:302010-12-18T17:23:41.092+05:30प्रियवर केवलराम जी
क्या बात है ! बहुत र...<b><i>प्रियवर केवलराम जी </i></b> <br /> क्या बात है ! बहुत रंग में हैं … <br /><b> </b> <b>तुम मयखाने में बेशक खूब मत पीना…<br />ना ही पिलाना बस एक बार तुम महसूस करना मयखाने का संसार </b> <br /><br /> <b> </b>आ गए जी … आपके कहने से … :) वरना हम तो नज़रों से पीने-पिलाने वाले हैं :) <b> </b> <br />शुभकामनाओं सहित<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-24837681664484202082010-12-17T21:29:40.940+05:302010-12-17T21:29:40.940+05:30`समता...को समझता है समझदार
उसके चारों तरफ की कुर्स...`समता...को समझता है समझदार<br />उसके चारों तरफ की कुर्सियां ,<br />कर देंगी<br />मिलकर रहने का इजहार ।'<br /><br />सच है... शराबी से अह्दिक समता को कौन समझ सकता है :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-57402530681627853782010-12-17T19:58:53.539+05:302010-12-17T19:58:53.539+05:30बहुत खूब केवलराम ! शुभकामनायें !बहुत खूब केवलराम ! शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-45769149281976991412010-12-17T12:42:56.094+05:302010-12-17T12:42:56.094+05:30केवल राम जी,
आपने मयखाने के सन्दर्भ से समाज में व्...केवल राम जी,<br />आपने मयखाने के सन्दर्भ से समाज में व्याप्त बहुत सारी विद्रूपताओं के चेहरे से नकाब उठा दिया !<br />अच्छे चिंतन के साथ आपका अंदाज़ भी अच्छा लगा !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-77977556669011118182010-12-16T22:38:26.467+05:302010-12-16T22:38:26.467+05:30वाह!! वाह!! अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति......। सद्भाव...वाह!! वाह!! अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति......। सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी<br />==========================<br />सदाचार<br />अफ़सर की मक्कारी ने।<br />और चोरबाजारी ने॥<br />सदाचार को मारा है-<br />गोली भ्रष्टाचारी ने॥<br />===========================डॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-52718992061213562222010-12-16T22:12:26.077+05:302010-12-16T22:12:26.077+05:30मधुशाला ; की सुंदर कल्पना है तमाम अवांछित दीवारें ...मधुशाला ; की सुंदर कल्पना है तमाम अवांछित दीवारें गिरा देने की ! सार्थक है !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-23580996087326528792010-12-15T16:57:47.730+05:302010-12-15T16:57:47.730+05:30संभवतः इन्ही फायदों ने बच्चन जी को मधुशाला लिखने क...संभवतः इन्ही फायदों ने बच्चन जी को मधुशाला लिखने को बाध्य किया था...<br /><br />विचारणीय बहुत ही सुन्दर और प्रेरणाप्रद रचना...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-1500911031907325342010-12-15T09:17:06.277+05:302010-12-15T09:17:06.277+05:30बैर कराते मंदिर मस्जिद, मेल कराती मधुशाला.बैर कराते मंदिर मस्जिद, मेल कराती मधुशाला.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-62830524420432661052010-12-14T22:13:26.485+05:302010-12-14T22:13:26.485+05:30और जरा सी दे दे साकी और जरा सी .....
केवल जी विचा...और जरा सी दे दे साकी और जरा सी .....<br /><br />केवल जी विचार अच्छा है क्यों न जाति भेद-भाव मिटाने के लिए हर गली ,मोहल्ले ,नुक्कड़ पे मयखाने खोल दिए जायें ....???हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-4564117633015644012010-12-14T20:43:49.049+05:302010-12-14T20:43:49.049+05:30.
कभी हिम्मत जुटा सके तो हम भी देखेंगे मयखाना कै....<br /><br />कभी हिम्मत जुटा सके तो हम भी देखेंगे मयखाना कैसा होता है।<br />बढ़िया प्रस्तुति !<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-52040618957040347952010-12-14T17:59:28.978+05:302010-12-14T17:59:28.978+05:30अंतिम पंक्तियॉं बहुत कुछ कहती हैं। बधाई।
--------...अंतिम पंक्तियॉं बहुत कुछ कहती हैं। बधाई।<br /><br />---------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">दिल्ली के दिलवाले ब्लॉगर।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-29777584694772211912010-12-14T12:16:04.340+05:302010-12-14T12:16:04.340+05:30वहां ना कोई साजिश
ना कोई भेदभाव
ना कोई नफरत की द...वहां ना कोई साजिश<br /><br />ना कोई भेदभाव<br /><br />ना कोई नफरत की दीवार<br /><br />जितनी पीयेंगे<br /><br />उतना खुमार ,उतना प्यार ।<br />हम प्याला लोगों की मधुशाला का अच्छा चित्र खीँचा है। बधाई। अरे बेटा लगता तो नही तुम्हें देख कर कि तुम कभी मयखाने मे गये हो!। बच के रहना शराब से। आशीर्वाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-36111269349718561812010-12-13T20:49:34.962+05:302010-12-13T20:49:34.962+05:30सुनने में तो अच्छा ही लग रहा है "मयखाने का स...सुनने में तो अच्छा ही लग रहा है "मयखाने का संसार"रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-86615240977585347392010-12-13T14:08:00.047+05:302010-12-13T14:08:00.047+05:30'bair karate mandir-masjid
mail karati madhush...'bair karate mandir-masjid<br />mail karati madhushala '<br /> achchhi kavita..सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-78974708175390540212010-12-13T13:10:42.417+05:302010-12-13T13:10:42.417+05:30केवल जी .. इसके लिए मयखाना नही माहॉल मयखाने जैसा च...केवल जी .. इसके लिए मयखाना नही माहॉल मयखाने जैसा चाहिए ... बहुत लाजवाब लिखा है ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-83844608250016691162010-12-13T11:44:42.635+05:302010-12-13T11:44:42.635+05:30आशा जी की बात का समर्थन है भाव सही है किन्तु मयखान...आशा जी की बात का समर्थन है भाव सही है किन्तु मयखाने का समर्थन नहीं ..............<br />मेरे ब्लॉग में SMS की दुनिया ........amar jeethttps://www.blogger.com/profile/09137277479820450744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-4732310190652089332010-12-13T06:21:50.081+05:302010-12-13T06:21:50.081+05:30आप बुलाओगे जहां
आ जायेंगे वहीं
खूब पियेंगे विचारों...आप बुलाओगे जहां<br />आ जायेंगे वहीं<br />खूब पियेंगे विचारों के जाम भर भर कर<br />छलकने भी न देंगे, कलम में कैद कर लेंगे <br /><a href="javascript:void(0);" rel="nofollow">दिसम्बर के आखिरी महीने में जहां गर्मी रहती है वहां सपरिवार घूमने आना चाहता हूं </a>अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-57441445560769345492010-12-13T06:07:16.764+05:302010-12-13T06:07:16.764+05:30मयखाने का और पीने वालों का बहुत अच्छा चित्रण
किया...मयखाने का और पीने वालों का बहुत अच्छा चित्रण <br />किया है |सच्चाई बयान की है |पर एक बात छूट गयी है बहां होने वाली गालीगलोच |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-91135922564554217682010-12-12T22:50:15.174+05:302010-12-12T22:50:15.174+05:30क्या खूब भाई केवल जी ! पुरुष तो पुरुष, महिलाएं भी ...क्या खूब भाई केवल जी ! पुरुष तो पुरुष, महिलाएं भी आपकी मधुशाला की तारीफ़ करते नहीं अघा रही है........ शायद नशा शराब से ज्यादा शब्दों में जो है.......बहुत सुन्दर.शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6327690883637069180.post-22864453054533643412010-12-12T22:45:25.208+05:302010-12-12T22:45:25.208+05:30आपकी मधुशाला पढ़कर ग़ालिब का यह शेर याद आ गया भाई क...आपकी मधुशाला पढ़कर ग़ालिब का यह शेर याद आ गया भाई केवल जी;<br /><br />ये तो मेरे खून की शिद्धत है शाकी, नशा जो शराब में होता बोतल न झूमती ..?शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.com