01 जनवरी 2013

शुभकामना से शुभकर्म की ओर

भारतीय जन जीवन को जब देखते हैं तो यहाँ पर शुभकामनाओं की बड़ी महता नजर आती है। सोने से लेकर जागने तकशाम से सुबह तकमृत्यु से जीवन तकजड़ से चेतन तकयुद्ध से शांति तकहार से जीत तकप्रकृति से परमात्मा तक। शुभकामनाओं का यह सिलसिला अनवरत रूप से चलता रहता है, और इसके अनेक पक्ष हैं। हमारे जीवन का कोई भी ऐसा पक्ष नहीं जहाँ हम शुभकामनाओं की अपेक्षा नहीं करते या हम शुभकामना देने को आतुर नहीं होते। घर से किसी काम को निकलते वक़्त अगर कोई बुजुर्ग या उम्र में बड़ा सामने दिख जाये तो उसका आशीर्वाद लेना और उससे अपने लिए शुभकामना की कामना करना तो हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। जीवन में चाहे कैसा भी समय आये शुभकामना आगे बढ़ने का साहस देती है। हम तो यहाँ तक मानते हैं कि ‘जो बात दवा से नहीं होतीवो बात दुआ से होती है। जब कामिल मुर्शिद मिलता हैतो बात खुदा से होती हैकामिल मुर्शिद’ मतलब कि सच्चा गुरु जब मिलता है तो फिर जीवन में किसी चीज की कोई कमी नहीं रहतीगुरु की दुआओं और आशीर्वाद से जीवन का हर मसला हल हो जाता है। क्योँकि गुरु एक भटके हुए इनसान को उसकी वास्तविक राह पर डाल देता है। जब किसी इनसान की दिशा बदल जाती है तो दशा स्वयं ही बदल जाती है। क्योँकि जब हम मंजिल की तरफ चलते हैं तो चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आयें हम अगर दृढ निश्चयी हैं तो जरुर पहुंचेंगे और जब हमने अपनी इच्छित मंजिल पा ली तो दशा का बदलना स्वाभाविक है। किसी अनुभवी और सच्चे इनसान का मार्गदर्शन जीवन की महता को अनमोल बना देता है तो वहीँ दूसरी तरफ अगर हम मंजिल से उलटे चलते हैं तो जीवन कौड़ियों से भी बदहाल हो जाता है।
शुभकामना और शुभकर्म दोनों का चोली-दामन का साथ है। हमारे जीवन दर्शन में मनवचन और कर्म से एक होने की बात की गयी है। जो व्यक्ति अपने जीवन रहते इस अवस्था को प्राप्त कर लेता हैउसका जीवन धन्य हो माना है। उसे संत (मतलब की सत्य से अंत तक जुड़ा रहने वाला) महात्माया ऋषि की उपाधि से विभूषित किया जाता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन और चरित्र का अनुसरण हर कोई करना चाहता है। ऐसा जीवन जो अनेक के लिए प्रेरक और पथप्रदर्शक होता है। हमारे चिन्तन में जीवन को संवारने की बात की गयी है। कोई भी ऐसा कर्म न हो जिससे खुद को या दूसरे किसी प्राणी को क्षति हो। हमारा जीवन दर्शन सामूहिकता और सामाजिकता को महत्व देता है। हमारी व्यक्तिगत उपलब्धियों का लाभ सिर्फ हमें ही नहीं बल्कि जितने प्राणियों हम वह लाभ को दे सकते हैं उतनों तक पहुंचाने की कोशिश की बात यहाँ की जाती है, और हमेशा जहन में शुभ भाव सभी के लिए रखते हुए शुभकर्म की और बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है। इस देश के लोग ही हैं जो जो यह शुभकामना करते हुए सुने जाते हैं कि:
                                                             सर्वे भवन्तु सुखिन:सर्वे सन्तु निरामया:।
                                                             सर्वे भद्राणि पश्यन्तुमा कश्चित दु:ख भाग भवेत्।।
यानि की एक ऐसी शुभकामना जिसमें सभी के सुख की आशा की गयी होऔर हम तो ऐसे चिंतन का हिस्सा रहे हैं जहाँ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की कामना की जाती है। कोई एक देश और उस देश के प्राणी ही नहींबल्कि सार संसार ही अपना घर है। यह सब पढ़करसोच कर खुद पर गर्व होता है और ज्यादा ख़ुशी तो तब होती है कि यह मात्र कहनेलिखनेपढने की ही बातें नहीं हैं। बल्कि जिन्होंने इन्हें कहा हैलिखा है उनका जीवन ऐसी भावनाओं और कर्मों का जीवन्त उदाहरण रहा है। हमें यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होती कि हम एक महान देश भारत के नागरिक हैं। मनुष्य जन्म मिलना तो खुदा की सौगात है हीलेकिन भारत जैसे देश में जन्म मिलना यह खुदा की विशेष कृपा हैउसका एक उपहार है। जहाँ सबके भले की कामना ही नहीं की जाती बल्कि अगर किसी को कोई मौका मिलता है तो वह उस व्यक्ति के लिए काम करने से भी नहीं कतराता और बदले में किसी लाभ की कोई इच्छा किये बगैर सेवा भाव से कर्म करता है। इस देश में शुभकर्म और शुभकामना दोनों का महत्व है।
आज फिलहाल इतना ही....आप सबको नववर्ष 2013 की हार्दिक शुभकामनाएं.

24 टिप्‍पणियां:

  1. जो बात दवा से नहीं होती, वो बात दुआ से होती है । जब कामिल मुर्शिद मिलता है, तो बात खुदा से होती है"।।

    कामिल मुर्शिद मिलते ही राह मिल जाती है जीवन की।

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  2. बहुत खूब..|
    आपको नववर्ष की हार्दिक बधाई

    सादर

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  3. बहुत सही बात कही है आपने
    आपको सहपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ....
    :-)

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  4. आपको भी अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनाएं... अच्छा विश्लेषण

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  5. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।

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  6. बढ़िया आलेख।
    एक स्वस्थ, सुरक्षित और सम्पन्न नव वर्ष के लिए शुभकामनायें।

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  7. बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये ..

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  8. नया साल आया बनकर उजाला,
    खुल जाए आपकी किस्मत का ताला,
    हमेशा आप पर मेहरबान रहे ऊपर वाला.

    नया साल मुबारक.

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  9. अगर किसी कोई मौका मिलता है तो वह उस व्यक्ति के लिए काम करने से भी नहीं कतराता और बदले में किसी लाभ की कोई इच्छा किये बगैर सेवा भाव से कर्म करता है ।

    आपकी भावनाओं की कद्र करती हूँ .....
    पर मौक़ा मिलने पर दामिनी से हादसे यहीं होते हैं .....

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  10. नव वर्ष की समस्त शुभकामनाएं ...

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  11. विश्लेषण शुभकामनाओं का,इस कामना के साथ कि नव वर्ष में आपका लेखन व जीवन समग्र रूप से सफल रहे।

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  12. शुभ भाव, शुभकर्म की ओर बढ़ने की प्रेरणा...सार्थक विचार... नव वर्ष मंगलमय हो

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  13. जीवन दर्शन तो अपना अपने समाज का बहुत अच्छा है पर उसको अंदर तक उतारने की कला भूल चुके हैं हम ... अब आध्यात्मिक गुरु जो परिवर्तन की लहर चला सके उसकी आवश्यकता है ...
    आपको २०१३ की मंगल कामनाएं ...

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  14. बढ़िया प्रस्तुति ...
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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  15. बहुत सारगर्भित आलेख..काश ये भाव कायम रहें बदलते समय में..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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  16. कोई जगाए,कोई झकझोरे,कोई कहे
    उठ,नए विश्वास से बंजर धारा से खुद को जोड़
    बधिर नभ को अपने ही मौन की किलकारियों से फोड |


    नयी उम्मीदों के साथ नववर्ष की शुभकामनाएँ

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  17. छोटी उम्र और कितना गंभीर लिखते हैं ..
    ईश्‍वर आपको लंबी उम्र सफल जीवन प्रदान करे !!

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  18. छोटी उम्र और कितना गंभीर लिखते हैं ..
    ईश्‍वर आपको लंबी उम्र सफल जीवन प्रदान करे !!

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  19. कामना से कर्म का उदय होता है, दोनों ही शुभ हों।

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  20. बहुत ही सार्थक आलेख है.. नए वर्ष पर एक बेहतरीन लेख पढने को मिला.. धन्यवाद!

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  21. पूर्ण सहमती आपके सुंदर विचारों से .....

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  22. बहुत अच्छी बात आपने कही, भारत ही ऐसा देश है जहाँ की ऋचाओं में आत्मकल्याण की नहीं सबके कल्याण की बात कही गई है। सर्वे भवन्तु सुखिनः। वसुधैव कुटुम्बकं की भावना हमारे लिए सर्वोपरि है। सुंदर पोस्ट

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  23. उत्तम प्रस्तुति।

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जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.